कोविड-19 की जंग में ब्रिटेन भारत के साथ, जल्द ही PM मोदी और बोरिस जॉनसन की वर्चुअल वार्ता संभव

0
34
Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp

नई दिल्लीः कोविड-19 की इस जंग में ब्रिटेन भारत के साथ है. भारत की जरूरत के लिहाज से महत्वपूर्ण 600 उपकरण व संसाधन भेजे जा रहे हैं. दो शिपमेंट भारत पहुंच चुके हैं और कुछ अन्य जल्द ही भारत आने वाले हैं. साथ ही ब्रिटेन ने भारत के लिए तीन मिनी ऑक्सीजन प्लांट भेजने का भी ऐलान किया है. ब्रिटेन के हाई कमिश्नर ने कहा कि मैं उस वक्त लंदन में था जब हमारे यहां पर कोविड-19 ली बड़ी वेव आई थी. वह अनुभव हमारे लिए भी बहुत मुश्किल था. लेकिन स्थिति को संभालना संभव  है. आइसोलेशन और वैक्सीनेशन जैसे उपाय भारत सरकार भी कर रही है. इस तरह की स्थिति में जरूरी है कि हम वह करें जो विज्ञान हमें बताता है. जनता को सरकार द्वारा दी गई सलाह पर चलना चाहिए.


उन्होंने कहा कि हम इस मुसीबत से गुजरे हैं. पिछली बार भारत ने हमारी मदद की थी. प्रिंस चार्ल्स ने अपने बयान में कहा कि भारत ने दवाओं के क्षेत्र में बड़ी मदद की. ऐसे में यूके भी भारत की मदद करेगा. क्योंकि कहा भी जाता है वसुधैव कुटुंबकम यह दुनिया एक है.


एलेक्स इलीस ने कहा कि भारत और यूके के बीच में वैक्सीन सहयोग का एक नमूना कोविशील्ड है. यह ब्रिटिश सरकार द्वारा वित्त पोषित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रोजन का के कमर्शियलाइज़ेशन से बना है जिसका सबसे बड़ा उत्पादन भारत में हो रहा है. हम इस बारे में भारत सरकार के साथ संपर्क में है. भारत को इस समय वैक्सीन की जरूरत है और को भी शील्ड का सबसे ज्यादा उत्पादन सिरम इंस्टीट्यूट ही करता है.


उन्होंने कहा कि यूके भारत का दूसरा सबसे बड़ा वैज्ञानिक साझीदार है और यूरोप में सबसे बड़ा. यूके की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा एनएचएस में सबसे ज्यादा अगर किसी देश के लोग हैं तो वह भारत है.


ब्रिटेन के उच्चायुक्त ने कहा कि तात्कालिक संकट में भारत की मदद करने के लिए यूके ने मदद पहुंचाई है. साथ ही कई अन्य क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें दोनों देश मिलकर काम कर सकते हैं. इसमें जिनोमिक्स शामिल है. दोनों देश इस बीमारी से लड़ाई के बारे में भी अपने अनुभव और वैज्ञानिक डाटा शेयर कर सकते हैं. नए वेरिएंट्स को मिलकर स्टडी कर सकते हैं. इस बीमारी के इलाज को लेकर अपने अनुभवों को भी दोनों देश साझा कर सकते हैं. दोनों ही मूर्खों के पास काफी अनुभव है. यह निश्चित रूप से एक विषय होगा जब जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूके के प्राइम मिनिस्टर बोरिस जॉनसन के बीच वर्चुअल वार्ता होगी.


उन्होंने कहा कि भारत और यूके के बीच में जल्द ही यानी कुछ हफ्तों के भीतर दोनों प्रधानमंत्रियों की बातचीत होनी है. मैं आपको एग्जैक्ट तारीख तो नहीं बता सकता लेकिन यह जल्द ही होगा. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत आने के लिए और भारत के साथ संवाद के लिए आतुर है. वह पहले भी भारत आ चुके हैं भारत को अच्छे से जानते हैं. लेकिन यह यात्राओं के लिए एक मुश्किल साल है.


उच्चायुक्त इलीस ने कहा कि हमने भारत को सहायता सामग्री भेजी है. कुछ और भी घोषणाएं हुई है. सारा फोकस इस चीज को लेकर है कि आखिर भारत को किन चीजों की जरूरत है. इस बारे में हम भारत सरकार के साथ भी संपर्क में हैं और अपने प्रयासों को तालमेल के साथ आगे बढ़ा रहे हैं. ब्रिटेन की कई कंपनियां भी ऑक्सीजन उत्पादन में भारत की मदद करने को आगे आई हैं. साथी यूके में मौजूद भारतीय डायस्पोरा के लोग जो काफी सक्रिय हैं वह भी मदद के लिए काम कर रहे हैं. इसके अलावा ब्रिटेन के आमजन भी भारत की मदद के लिए योगदान दे रहे हैं. आपने प्रिंस चार्ल्स की तरफ से भारत की मदद के लिए शुरू किए गए प्रयास को देखा होगा. करीब 10 साल पहले शुरू किए गए उनके संगठन ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट की तरफ से की जा रही कोशिशों को लोगों का समर्थन मिल रहा है और करीब 2-3 करोड़ उसमें जमा हो चुके हैं. इसमें अब तक काफी योगदान किया जा चुका है.


उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव के कल वोटों की गिनती के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी 



Source link

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here