संयुक्त राष्ट्र की संस्थाओं ने बनाया ‘One Health’ पैनल, जानवरों से बीमारी के खतरों पर देगा सलाह

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जानवरों से इंसानों में बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन और तीन अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने विशेषज्ञ समूह का गठन किया है. गुरुवार को दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य संस्था ने कहा है कि कवायद का मकसद वैश्विक मंसूबे को बढ़ाने में मदद करना है. पिछले साल फ्रांस और जर्मनी की तरफ से शुरू की गई ‘One Health’ उच्चस्तरीय विशेषज्ञ पैनल एक पहल थी, और इस सप्ताह उसका उद्घाटन सत्र आयोजित हुआ था.


WHO समेत अन्य एजेंसियों ने किया विशेषज्ञ समूह का गठन 


ये समूह विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन और संयुक्‍त राष्‍ट्र पर्यावरण कार्यक्रम को ‘जूनोटिक प्रकोप की तैयारी और रोकथाम के अच्छे उपाय’ को स्थापित करने और ‘खतरे का मूल्यांकन और सर्विलांस फ्रेमवर्क’ के विकास पर सलाह देगा. WHO ने प्रेस रिलीज में कहा, पैनल इस पहलू पर भी विचार करेगा कि खाद्य उत्पादन और वितरण, शहरीकरण, ढांचे का निर्माण, अंतरराष्ट्रीय यात्रा, व्यापार और गतिविधि में संभावित ट्रांसमिशन के खतरे क्या हैं जिससे जैव विविधता को नुकसान और जलवायु परिवर्तन होता है.


जानवरों से इंसानों में बीमारियों को रोकने के लिए वैश्विक प्लान


पैनल अपनी पहली सिफारिशों को इस साल के बाद प्रकाशित करेगा. वैश्विक कोविड-19 महामारी के बारे में बड़े पैमाने पर समझा जाता है कि उसकी उत्पत्ति चीन और दक्षिण पूर्व एशिया के वन्यजीव व्यापार से हुई. नोवेल कोरोना वायरस के तौर पर चर्चित कोरोना वायरस के सबसे करीबी जेनेटिक मिलान चमगादड़ों में पाया गया है. चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से कोविड-19 के स्रोत का पता लगाने के लिए की गई संयुक्त रिसर्च में इस संभावना को खारिज किया गया है कि नोवल कोरोना वायरस लैब में बना था.


चीनी वैज्ञानिकों के साथ संयुक्त रूप से लिखी गई अपनी अंतिम रिपोर्ट में विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने कहा है कि वायरस का ट्रांसमिशन शायद चमगादड़ों से इंसानों में दूसरे जानवरों के जरिए हुआ हो और एक कारण के रूप में ‘अत्यंत संभावना’ नहीं है कि ये लैब से फैला. गौरतलब है कि चीन 2019 के अंत में कोविड-19 प्रकोप का केंद्र बन गया था.


उसने पहले से वन्यजीव व्यापर और सेवन की ज्यादातर किस्मों को बैन कर दिया है और पशुओं के आवास से इंसानों को दूर रखने के लिए पारिस्थितिक ‘सुरक्षा बैरियर’ भी लगा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि सभी उभरती हुई संक्रामक बीमारियों के तीन चौथाई मामले पशुओं में पैदा होते हैं. 


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