1 अप्रैल से 4 दिन की नौकरी, 12 घंटे काम और आधे घंटे का होगा ब्रेक, मोदी सरकार लागू कर सकती है नए नियम

0
28
Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp

दो दिन बाद यानी नए वित्त वर्ष 1 अप्रैल 2021 से आपकी ग्रेच्युटी, पीएफ और काम के घंटों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। मोदी सरकार काम के घंटे,  काम के दिन, ओवरटाइम, ब्रेक का समय और दफ्तर में कैंटीन जैसे नियमों में बदलाव करने जा रही है। कर्मचारी लगातार 5 घंटे से अधिक काम नहीं करेंगे, उन्हें इस बीच आधे घंटे का ब्रेक देना होगा। इसके अलावा कर्मचारियों को ग्रेच्युटी और भविष्य निधि (पीएफ) मद में बढ़ोतरी होगी। वहीं, हाथ में आने वाला पैसा (टेक होम सैलरी) घट सकता है। यहां तक कि कंपिनयों की बैलेंस शीट भी प्रभावित होंगी। इसकी वजह है पिछले साल संसद में पास किए गए तीन मजदूरी संहिता विधेयक (कोड ऑन वेजेज बिल)। इन विधेयकों को सरकार इस साल 1 अप्रैल से लागू करना चाहती है। हालांकि, अभी भी इस विधेयक के नियमों पर अभी भी हितधारकों के साथ चर्चा चल रही है कि इसे कैसे लागू किया जा सकता है, तो ऐसे में इसकी 1 अप्रैल होने की संभावना कम नजर आ रही है।

सैलरी में होंगे ये बदलाव

वेज (मजदूरी) की नई परिभाषा के तहत भत्ते कुल सैलेरी के अधिकतम 50 फीसदी होंगे। इसका मतलब है कि मूल वेतन (सरकारी नौकरियों में मूल वेतन और महंगाई भत्ता) अप्रैल से कुल वेतन का 50 फीसदी या अधिक होना चाहिए। गौरतलब है कि देश के 73 साल के इतिहास में पहली बार इस प्रकार से श्रम कानून में बदलाव किए जा रहे हैं। सरकार का दावा है कि नियोक्ता और श्रमिक दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।

वेतन घटेगा लेकिन बढ़ेगा पीएफ

नए ड्राफ्ट रूल के अनुसार, मूल वेतन कुल वेतन का 50% या अधिक होना चाहिए। इससे ज्यादातर कर्मचारियों की वेतन संरचना बदलेगी, क्योंकि वेतन का गैर-भत्ते वाला हिस्सा आमतौर पर कुल सैलेरी के 50 फीसदी से कम होता है। वहीं कुल वेतन में भत्तों का हिस्सा और भी अधिक हो जाता है। मूल वेतन बढ़ने से आपका पीएफ भी बढ़ेगा। पीएफ मूल वेतन पर आधारित होता है। मूल वेतन बढ़ने से पीएफ बढ़ेगा, जिसका मतलब है कि टेक-होम या हाथ में आने वाला वेतन में कटौती होगी।

रिटायरमेंट की राशि बढ़ेगी

ग्रेच्युटी और पीएफ में योगदान बढ़ने से रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि में इजाफा होगा। इससे लोगों को रिटायरमेंट के बाद सुखद जीवन जीने में आसानी होगी। उच्च-भुगतान वाले अधिकारियों के वेतन संरचना में सबसे अधिक बदलाव आएगा और इसके चलते वो ही सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। पीएफ और ग्रेच्युटी बढ़ने से कंपनियों की लागत में भी वृद्धि होगी। क्योंकि उन्हें भी कर्मचारियों के लिए पीएफ में ज्यादा योगदान देना पड़ेगा। इन चीजों से कंपनियों की बैलेंस शीट भी प्रभावित होगी।

काम के 12 घंटे करने का प्रस्ताव, ओवरटाइम के लिए होंगे नए नियम

नए ड्राफ्ट कानून में कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया है। ओएसच कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है। मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना जाता है। काम के दिन घटाकर 4 दिन और तीन छुट्टी का भी प्रस्ताव है।

पांच घंटे से ज्यादा कर्मचारी नहीं करेंगे काम

ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने को प्रतिबंधित किया गया है। कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का विश्राम देने के निर्देश भी ड्राफ्ट नियमों में शामिल हैं।

कर्मचारियों को हर 5 घंटे के बाद देना होगा आधे घंटे का ब्रेक,12 घंटे की होगी नौकरी- 1 अप्रैल से बदलेंगे नियम

Source link

कोई जवाब दें जवाब कैंसिल करें

Please enter your comment!
Please enter your name here