बैंक कर्मचारी हड़ताल पर क्यों गए? किन बैंकों का होगा निजीकरण? जानें सभी जानकारी

Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp

सरकारी बैंकों (Public sector banks) के दो दिन पर हड़ताल पर चले जाने से आम  लोगों को खासी परेशानी हो रही है। इससे बैंक ब्रांच जाकर कराने वाले काम जैसे कैश जमा करना, निकालना, चेक जमा करने जैसे काम नहीं हो पा रहे हैं। केंद्र सरकार ने अगस्तं 2019 में 10 बैंकों का 4 बैंकों में विलय कर दिया, जिसके बाद सरकारी बैंकों की संख्या  12 रह गई। थी। अभी इन बैंकों का एकीकरण चल रहा है। इस साल के बजट में सरकार ने दो बैंकों और एक बीमा कंपनी के निजीकरण की बात कही, जिसका सरकारी बैं‍क विरोध करते हुए हड़ताल पर गए हैं। आइए जानते हैं सरकारी बैंक के कर्मचारी किन कारणों से हड़ताल पर हैं।

सरकारी बैंक के कर्मचारी क्यों हड़ताल पर गए?
सरकार ने 2019 में आईडीबीआई (IDBI) बैंक में अपनी अधिकतर हिस्सेएदारी एलआईली (LIC) को बेचकर उसका निजीकरण दिया था। पिछले चार साल में सरकारी सेक्टर के 14 बैंकों का विलय हो चुका है। बजट 2021-22 में वित्तक मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताकव रखा, जिसका विरोध सरकारी बैंक कर्मचारी कर रहे हैं। इस मामले में अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त के साथ 4, 9 और 10 मार्च को बैठक हुई लेकिन कोई हल नहीं निकला, जिसके बाद बैंक कर्मचारियों ने दो दिनों की हड़ताल की। बैंक यूनियंस की हड़ताल के बाद 17 मार्च को जनरल इंश्यो रेंस कंपनियों के कर्मचारी हड़ताल पर जा सकते हैं।

कौन- कौन शामिल है हड़ताल में?
नौ यूनियनों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने 15-16 मार्च को हड़ताल का ऐलान किया था। इसके तहत यूएफबीयू के सदस्यों में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन (एआईबीओसी), नेशनल कंफेडरेशन ऑफ बैंक इम्प्लॉइज (एनसीबीई), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) और बैंक इम्प्लॉइज कंफेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईसीआई) आदि शामिल हैं। इंडियन नेशल बैंक एम्पलाईज फेडरेशन (आईएनबीईएफ), इंडियन नेशनल बैंक आफीसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी), नेशनल आर्गनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) और नेशन आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफीसर्स (एनओबीओ) भी हड़ताल में शामिल हुए। इसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्केल के के करीब 10 लाख कर्मचारी शामिल हुए।

बैंकों में ये सर्विस मिलने में आ रही है परेशानी
सरकारी बैंकों की शाखाओं में मिलने वाली सेवाएं नहीं मिलेंगी। यानी जैसे ब्रांच जाकर कैश जमा या निकाल नहीं सकते। चेक क्लियरेंस भी सोमवार और मंगलवार को नहीं हो पाएगा। कुल मिलाकर जिन-जिन कामों के लिए आपको बैंक ब्रांच जाना पड़ता है वह नहीं कर पाएंगे। इसमें मनी ट्रांसफर, अकाउंट स्टेैटमेंट, एफडी ओपन करना, बिलों का भुगतान, ऑनलाइन पेमेंट, चेक बुक ऑर्डर वगैरह शामिल हैं।

कौन से बैंक हड़ताल का हिस्सा नहीं हैं?
सभी प्राइवेट बैंक जैसे एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक आदि खुले रहेंगे। देश की बैंकिंग व्य वस्थाब में इनकी हिस्सेंदारी करीब एक तिहाई है।

नीति आयोग ने क्याा कहा?
नीति आयोग ने 6 सरकारी बैंकों को निजीकरण योजना से बाहर रखा है। इनमें पंजाब नैशनल बैंक, यूनियन बैंक, कैनरा बैंक, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और एसबीआई शामिल हैं। वित्त मंत्रालय के भी मुताबिक जो सरकारी बैंक कंसॉलिडेशन एक्सरसाइज का हिस्सा थे, उन्हें निजीकरण योजना से अलग रखा गया है।

 

31 मार्च से पहले कर लें ये काम, नहीं तो उठाना पड़ेगा भारी नुकसान

 

Source link