शंघाई स्थित नव विकास बैंक के पूर्व प्रमुख के वी कामथ ने बुधवार को उम्मीद जतायी कि सरकार जिस तरीके से आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है, उससे भारत की वित्तीय सुधरेगी।
इंडिया इंटरनेशनल सेंटर द्वारा आयोजित एक वीडियो कांफ्रेस कामथ ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि रेटिंग एजेंसियां भारत की साख को मौजूदा स्तर पर बनाए रख सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार जिस जोर-शोर से आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ा रही है, मुझे लगता है कि साख बेहतर होगी। क्योंकि मुझे नहीं लगता कि रेटिंग एजेंसियां भारत की साख को उसी स्तर पर रोके रख सकती हैं, जो अभी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो इतने सारे प्रयास किए हैं उन्हें देखते हुए मुझे लगता है कि देश की वित्तीय साख का स्तर ऊपर जाएगा।
आर्थिक समीक्षा में मजबूत आर्थिक बुनियाद के बावजूद फिच, एस एंड पी और मूडीज द्वारा भारत को दी गयी निम्न रेटिंग को लेकर चिंता जताई गई है। वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने भारत को निम्न निवेश स्तर की रेटिंग दे रखी है जो रद्दी की श्रेणी से केवल एक ही पायदान ऊपर है। नए विकास वित्त संस्थान के गठन के बारे में सरकार के निर्णय पर कामथ ने कहा कि इसके लिए यह उपयुक्त समय है। मंत्रिमंडल ने मंगलवार को विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) के गठन के लिए विधेयक के मसौदे को मंगलवार को मंजूरी दी। उन्होंने कहा,आज हमारे सामने ऐसी स्थिति है, जहां बैंक उद्योग की दीर्घकालीन कर्ज जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। बुनियादी ढांचा क्षेत्र को लंबे समय के लिए कोष की जरूरत है। यही कारण है कि डीएफआई के गठन का फैसला किया गया है।
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