कच्चे तेल के दामों में और आएगी तेजी, ओपेक देश घटाएंगे उत्पादन

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तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक और अन्य सहयोगी देशों ने अपने मौजूदा तेल उत्पादन क्षमता में अप्रैल तक कोई बदलाव नहीं करने और उत्पादन में कटौती जारी रखने का फैसला किया है। इसका असर पेट्रोल की कीमतों पर नजर आएगा। पहले ही देश के कई शहरों में पेट्रोल का रेट 100 रुपये प्रति लीटर चल रहा है।

ओपेक देशों का यह फैसला सरकार की उम्मीदों पर पानी फेर सकता है। सरकार को उम्मीद थी कि अगले महीने से उत्पादन बढ़ने पर कीमतों में कमी आएगी और टैक्स कम नहीं करना पड़ेगा। गुरुवार को मीटिंग से पहले पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओपेक देशों से कहा कि उत्पादन बढ़ाकर कीमतों में ठहराव लाया जाए।

ओपेक देशों ने  उत्पादन में बदलाव करने का फैसला वैश्विक कोरोना महामारी के नए स्वरूप के प्रसार और आर्थिक कमजोरी की चिंता को देखते हुए लिया है। सऊदी अरब के नेतृत्व में ओपेक और रूस की अगुवाई में गैर सदस्य देशों की हुई वर्चुअल बैठक के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में काफी उछाल देखने को मिला। 

खासतौर पर सऊदी अरब द्वारा उत्पादन में दस लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती कम से कम अप्रैल तक जारी रहेगी। अब अगली बैठक अप्रैल में होनी है। बाजार विश्लेषकों को मानना है कि उत्पादन में बढ़ोतरी नहीं होने से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आएगा। अमेरिका में कच्चे तेल की कीमत कीमत 5.6 फीसदी बढ़ कर 64.70 डॉलर प्रति बैरल हो गई है।

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