केयर्न ने जब्त राशि लेने के लिए तैयारी की तेज, जानें क्या है पूरा मामला

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ब्रिटेन की तेल कंपनी केयर्न एनर्जी पीएलसी ने मंगलवार को कहा कि उसने विदेशों में भारतीय संपत्तियों को चिन्हित किया है जिसे वह भारत सरकार की ओर से 1.7 अरब डॉलर की राशि नहीं लौटाए जाने की स्थिति में जब्त कर सकती है।

एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने पूर्व की तिथि से की गई कर मांग को निरस्त करते हुए भारत सरकार से 1.7 अरब डॉलर केयर्न एनर्जी को लौटाने को कहा है। केयर्न ने 2020 की सालाना आय से जुड़े बयान में कहा, कंपनी को भरोसा है कि जो फैसला आया है, उसे बातचीत के जरिये या फिर भारतीय संपत्तियों को जब्त कर लागू कराया जाएगा। कंपनी ने फैसले को पंजीकृत कराने और उसे मान्यता प्रदान करने के लिए नौ देशों की अदालतों का दरवाजा खटखटाया है।

उसने कहा, न्यायाधिकरण ने आम सहमति से यह आदेश दिया कि भारत ने केयर्न के मामले में ब्रिटेन-भारत द्विपक्षीय निवेश संधि के तहत अपनी बाध्यताओं को तोड़ा है और 1.2 अरब डॉलर के साथ ब्याज तथा लागत का भुगतान करने को कहा। इसके तहत कुल बकाया साल के अंत तक 1.7 अरब डॉलर था। अब तक सरकार ने सीधे तौर पर केयर्न मामले में फैसले को चुनौती देने या उसका सम्मान करने को लेकर कोई प्रतिबद्धता नहीं जतायी है। हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह अपील करने का संकेत दिया था।

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