हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 25 मार्च 2021 (गुरुवार) को फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इसे आमलकी या आंवला एकादशी भी कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत रखने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। कहा जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के समस्त दुख दूर हो जाते हैं। जानिए आमलकी एकादशी के दिन बनने वाले शुभ योग व शुभ-अशुभ मुहूर्त-
शुभ योग-
सुकर्मा – 24 मार्च की सुबह 11 बजकर 41 मिनट से 25 मार्च की सुबह 10 बजकर 03 मिनट तक।
धृति – 25 मार्च की सुबह 10 बजकर 03 मिनट से 26 मार्च की सुबह 07 बजकर 46 मिनट तक।
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आमलकी अमावस्या के दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त-
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक।
अमृत काल – रात 09 बजकर 13 मिनट से रात 10 बजकर 48 मिनट तक।
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 53 मिनट से सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक।
आमलकी अमावस्या बन रहे ये अशुभ मुहूर्त-
राहुकाल- दोपहर 02 बजकर 03 मिनट से दोपहर 03 मिनट से 34 मिनट तक।
यम गण्ड – सुबह 06 बजकर 29 मिनट से सुबह 8:00 बजे तक।
कुलिक – सुबह 09 बजकर 31 मिनट से सुबह 11 बजकर 02 मिनट तक।
दुर्मुहूर्त – सुबह 10 बजकर 31 मिनट से सुबह 11 बजकर 20 मिनट तक। इसके बाद दोपहर 03 बजकर 22 मिनट से शाम 04 बजकर 10 मिनट तक।
वर्ज्यम् – सुबह 10 बजकर 14 मिनट से सुबह 11 बजकर 45 मिनट तक।
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