दुनियाभर में खतरनाक कोरोना फैलाने वाले चीन वैक्सीन के मामले में अन्य देशों के मुकाबले ना सिर्फ काफी पिछड़ा बल्कि भारत की पड़ोसी देशों के साथ वैक्सीन डिप्लोमेसी के आगे वह पस्त नजर आया. अब उसने बेतूका फरमान जारी किया है. चीनी दूतावास ने कहा कि वह उन यात्रियों को वीजा जारी करना शुरू करेगा, जिन्होंने कोविड-19 का चीन निर्मित टीका लगवाया होगा और उनके पास टीकाकरण का सार्टिफिकेट होना चाहिए.
दूतावास ने एक जारी बयान में कहा कि अपने रोजगार कांट्रेक्ट पर आगे काम करने, कामकाज फिर से शुरू करने और अन्य संबंधित गतिविधयों को जारी रखने की इच्छा रखने वाले लोगों की चीन यात्रा के संबंध में मदद करेगा.
दूतावास ने कुछ खास बातों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘एक व्यवस्थित तरीके से दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बहाल करने के उद्देश्य से, 15 मार्च से, चीनी दूतावास और भारत में स्थित वाणिज्य दूतावास कोविड-19 का चीन निर्मित टीका लगवा चुके लोगों और इसका प्रमाणपत्र रखने वालों की यात्रा को प्रोत्साहित करने के उपाय कर रहा है.’’
दूतावास ने कहा कि वैध एपेक (एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग) बिजनेस ट्रैवल कार्ड (एबीटीसी) रखने वाले विदेशी नागरिक वैध एबीटीसी के साथ बिजनेस वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं.
गौरतलब है कि पाकिस्तान, ब्राजील, तुर्की, चिली, साउथ एशिया और अरब जगत के कुछ देशों ने चीन की कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी दी है. इसके अलावा, सिंगापुर, मलेशिया और फिलीपींस ने चीन की कंपनी सिनोवैक के साथ डील भी की है.
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