Virat Kohli और Rohit Sharma नहीं, भारत के इस खिलाड़ी को Sourav Ganguly ने बताया मैच विनर

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नई दिल्ली:  टीम इंडिया इस वक्त स्टार खिलाड़ियों से भरी हुई है. इस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जितने स्टार खिलाड़ी भारत की प्लेयिंग इलेवन में रहते हैं उतने ही तगड़े खिलाड़ी अब भारत की बेंच पर भी मौजूद रहते हैं. इस वक्त भारतीय टीम में कई बड़े मैच विनर मौजूद हैं. इस बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने भी टीम इंडिया के एक ऐसे खिलाड़ी को चुना है, जो उनके हिसाब से एक मैच विनर है.

दादा ने बताया कौन है मैच विनर

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान गांगुली (Sourav Ganguly) ने कहा कि उन्हें विराट कोहली और रोहित शर्मा की बल्लेबाजी देखना पसंद है. गांगुली ने ऑनलाइन ‘ट्यूटोरियल ऐप क्लासप्लस’ के एक सेशन में कहा,  ‘देश में कुछ शानदार खिलाड़ी हैं और बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में मुझे लगता है कि यह नहीं बताना चाहिए कि मेरा पसंदीदा खिलाड़ी कौन है. मेरे लिए सभी पसंदीदा हैं लेकिन मैं कोहली के खेल का लुत्फ उठाता हूं, मैं रोहित शर्मा के खेल का आनंद लेता हूं.’

उन्होंने कहा, ‘मैं ऋषभ पंत (Rishabh Pant) से प्रभावित हूं क्योंकि मुझे लगता है कि वह एक पूर्ण मैच विनर हैं. जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी शानदार हैं. मुझे शार्दुल ठाकुर बहुत पसंद हैं क्योंकि उसमें हिम्मत और लड़ने की हिम्मत है.’ 

गांगुली (Sourav Ganguly) ने आगे  कहा, ‘भारतीय क्रिकेट टैलेंट मौजूद है. जब (सुनील) गावस्कर थे, तो लोग सोचते थे कि उनके बाद क्या होगा, तब सचिन (तेंदुलकर), (राहुल) द्रविड़, अनिल कुंबले आए थे. जब तेंदुलकर, द्रविड़ ने खेल को अलविदा कहा तो विराट कोहली, रोहित शर्मा और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ियों ने टीम को संभाला.’

1992 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे को किया याद 

गांगुली (Sourav Ganguly) को पहली बार भारतीय टीम में ऑस्ट्रेलिया के 1992 दौरे के दौरान चुना गया था लेकिन तब उन्हें ज्यादा मौका नहीं मिला था. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के उस दौरे को याद करते हुए कहा कि वहां का अनुभव और उसके बाद की कड़ी मेहनत ने उन्हें बेहतर क्रिकेटर बनाया. उन्होंने कहा, ‘मैं खुद के लिए 1992 की श्रृंखला को असफल मानता हूं. सच कहूं तो मुझे खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिले और मैं ऑस्ट्रेलिया के दौरे से वापस आया, लेकिन मैं युवा था. उस सीरीज ने वास्तव में मुझे एक बेहतर क्रिकेटर बनने में मदद की.’

उन्होंने कहा, ‘मैं मानसिक रूप से मजबूत होकर वापस आया. मैं उस समय उतना फिट नहीं था, मैं समझ गया था कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट क्या है. मैंने न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी दबाव को संभालने के लिए तीन-चार साल के लिए खुद को ट्रेन करना शुरू कर दिया था. 

बता दें कि सीने में दर्द की शिकायत के बाद जनवरी में कोलकाता के एक अस्पताल में गांगुली (Sourav Ganguly) को एडमिट किया गया था. जिसके बाद उनको एंजियोप्लास्टी के दो दौर से गुजरना पड़ा. हालांकि गांगुली अब ठीक हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं बिल्कुल फिट और स्वस्थ हूं और काम पर वापस लौट आया हूं. मैं पहले जो काम करता था अब फिर से वह सब कर रहा हूं.’



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