एक नए कोरोना वायरस की खोज, कुत्तों से इंसानों के बीच आने की संभावना

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वैज्ञानिकों ने मलेशिया में कोरोना वायरस के एक नए प्रकार की खोज की है, और कुत्तों से इंसानों में आने की संभावना है. लेकिन क्या ये वायरस इंसानों के लिए खतरा है या नहीं, वैज्ञानिकों ने अभी तक निर्धारित नहीं किया है. उनका कहना कि अगर वायरस के इंसानों में बीमारी की वजह बनने की पुष्टि हो जाती है, तो ये आठवां ज्ञात मानव कोरोना वायरस और पहला कुत्तों से आनेवाला होगा.

मलेशिया में कोरोना वायरस के नए प्रकार का चला पता 

सार्स और कोविड-19 के बाद किसी जानवर से इंसानों में आनेवाला सबसे नए वायरस का नाम CCoV-HuPn-2018 रखा गया है. हालांकि, क्लीनिकल इंफेक्शीसियस डिजीज में प्रकाशित रिसर्च से साबित नहीं हो सका कि कुत्ते से इंसानों के बीच आया कोरोना वायरस क्या बच्चे के न्यूमोनिया की वजह बना या दूसरा रोगाणु कारण था. बच्चा राइनोवायरस से भी संक्रमित पाया गया, राइनोवायरस लोगों में सामान्य जुकाम की वजह बनता है. और अगर ये कुत्ते से फैला वायरस तीन साल पहले बच्चे की बीमारी का कारण बना, तो स्पष्ट नहीं है कि क्या ये कोरोना वायरस लोगों के बीच फैल सकता है. 

कुत्ते से इंसानों में कोरोना वायरस के आने की संभावना

गौरतलब है कि कुत्ते से इंसानों में कोरोना वाेंयरस के आने का खुलासा ऐसे समय हो रहा है जब दुनिया भर में कोरोना महामारी ने आतंक मचा रखा है. कुत्ते से इंसानों में कोरोना वायरस के पाए जाने का ये पहला उदाहरण है. शोधकर्ताओं को हैरानी हो रही कि क्या अन्य वायरस का वजूद है और अब तक नजरों से ओझल हैं. 20 साल से वायरसों पर काम करने वाले महामारी विशेषज्ञ डॉक्‍टर ग्रेगरी ग्रे ने एक बयान में कहा, “कुत्ते से फैला ये वायरस कितना आम है, और क्या ये कुशलतापूर्वक कुत्तों से इंसानों तक फैल सकता है, कोई नहीं जानता है.”

2018 में बच्चे में न्यूमोनिया की पहचान हुई थी. उससे प्राप्त स्वैब सैंपल में कुत्ते से आए नए कोरोना वायरस का शोधकर्ताओं ने पता लगाया. रिपोर्ट के लेखकों ने जोर दिया है कि ये अभी तक स्पष्ट नहीं है कि वायरस इंसानों के लिए खतरा है, और रिसर्च से साबित नहीं होता है कि वायरस से ही न्यूमोनिया हुआ. उसके इंसानों से इसानों में फैलने का अब तक सबूत नहीं मिला है.

शोधकर्ताओं ने ऐसे टूल को विकसित किया जो विभिन्न प्रकार के कोरोना वायरस का पता लगा सके. अपने टूल का मूल्यांकन करने के लिए उन्होंने 2017 और 2018 में इकट्ठा किए गए 301 सैंपल का विश्लेषण किया. न्यूनोमिया का लक्षण सामने आने के बाद ये सभी मरीज मलेशिया के अस्पताल में भर्ती हुए थे.

उन्होंने पाया कि 301 सैंपल में से 8 कुत्ते के कोरोना वायरस से संक्रमित थे. नतीजों की पुष्टि के लिए उन्होंने सैंपल को अमेरिका भेजा. शोधकर्ताओं ने अलग तरीके से आठों सैंपल को दोबारा जांचा. जांच के बाद उन्‍होंने कहा कि जीनोम का ज्‍यादातर हिस्‍सा कुत्‍ते का कोरोना वायरस है. 

कोरोना वायरस वायरसों का एक समूह है जो चार श्रेणियों में बंटा है-अल्फा कोरोना वायरस, बीटा कोरोना वायरस, डेल्टा कोरोना वायरस और गामा कोरोना वायरस. ये सभी वायरस जानवरों, पक्षियों में संक्रमण की वजह बनते हैं. मानव कोरोना वायरस की पहचान 1960 के दशक में की गई थी और ये अल्फा और बीटा कोरोना वायरस की पीढ़ी से संबंधित होते हैं. नया वायरस CCoV-HuPn-2018 एक अल्फा कोरोना वायरस है.

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