कोलंबस के जन्म को लेकर सामने आई डीएनए रिपोर्ट, कई सालों से चल रहा था विवाद

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क्रिस्टोफर कोलंबस के जन्मस्थान को लेकर कई सालों से विवाद चल रहा है, लेकिन अब ग्रेनाडा विश्वविद्यालय में डीएनए अध्ययन के प्रमुख वैज्ञानिक जोस एंटोनियो लोरेंटे ने वीडियो कॉन्फ्रेंस पर चल रही मीटिंग के दौरान कहा कि ‘उन्हें कोलंबस के इटली में जन्म पर कोई संदेह नहीं है’. साथ ही कहा कि वो इस बात को साबित करने के लिए डेटा भी दे सकते हैं. दरअसल इतिहासकारों का मानना ​​है कि कोलंबस का जन्म जेनोआ में 1451 में हुआ था. लेकिन विश्वविद्यालय ने कोलंबस के जन्मस्थान के बारे में सबके विचार जानने के लिए बैठक बुलाई, जिसमें स्पेन के वालेंसिया, एस्पिनोसा डी हेनारेस, गैलिसिया और मल्लोर्का, पुर्तगाल के अलेंटेजो क्षेत्र और कुछ अन्य स्थान से लोग शामिल रहे.


इस दौरान शोधकर्ता और लेखक अल्फोंसो सान्ज़ ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बैठक के दौरान इस निष्कर्ष पर पहंचा जा सकेगा कि कोलंबस एक स्पेनिश रईस था और जेनोईस नाविक नहीं था. वहीं डीएनए अनुसंधान के अंतिम चरण के परिणामों का यूरोप और अमेरिका की प्रयोगशालाओं में स्वतंत्र रूप से विश्लेषण किया जाएगा और रिपोर्ट अक्टूबर में पेश की जाएगी.


2004-05 में लिए गए थे पहले नमूने


जानकारी के मुताबिक पहले नमूने 2004 और 2005 में इकट्ठा किए गए थे, लेकिन अब डीएनए विश्लेषण 16 साल के बाद फिर से शुरू होगा. वहीं जोस एंटोनियो लोरेंटे ने कहा कि ‘हमारी टीम एक नैतिक दृष्टिकोण पर सहमत हुई, एक तकनीकी विकास की प्रतीक्षा करें जो अब हुआ है’.


1506 में मरा था कोलंबस


कोलंबस की मृत्यु 1506 में स्पेन के वालाडोलिड में हुई थी, लेकिन वो हिस्पानियोला द्वीप पर दफन होना चाहता था, ये वो जगह है जहां वर्तमान में डोमिनिकन गणराज्य और हैती रहते हैं. दरअसल कोलंबस के अवशेषों को 1542 में वहां ले जाया गया, फिर 1795 में क्यूबा और फिर 1898 में सेविले ले जाया गया था.


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