क्या रेमडेसिविर के साथ हेपेटाइटिस सी की दवाओं का मेल कोविड-19 के खिलाफ कारगर है? जानें

0
10
Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच एंटी वायरल दवा रेमडेसिविर बहुत ज्यादा मांग में है. कोविड-19 में बढ़ोतरी और दवा की कमी के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि रेमडेसिविर जीवन-रक्षक दवा नहीं है और उसका कोविड-19 मरीजों पर ‘गैर जरूरी या अतार्किक’ इस्तेमाल अनैतिक है. उसने चेताया कि दवा की सलाह सिर्फ उन कोविड-19 मरीजों को दी जाती है जो सिर्फ मध्यम से गंभीर बीमार हैं और ऑक्सीजन सपोर्ट हासिल कर रहे हैं.

रिसर्च में खुलासा हुआ है कि दवा कोरोना वायरस मरीजों में मृत्यु दर को कम नहीं करती है. लेकिन वर्तमान में कोविड-19 की दवा की अनुपलब्धता के कारण डॉक्टर उसे भारत में तेजी से लिख रहे हैं. एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया भी कह चुके हैं कि दवा ‘रामबाण’ नहीं है और मृत्यु दर कम नहीं करती. लेकिन उन्होंने बताया कि उसका इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि हमारे पास एक बहुत अच्छी एंटी वायरल दवा नहीं है. उन्होंने चेताया भी है कि रेमडिसिविर की सीमित भूमिका है और उसे सावधानी से इस्तेमाल किया जाना चाहिए. 

हेपेटाइटिस सी की दवा के साथ रेमडेसिविर का असर बढ़ता है 

अब, एक नए रिसर्च में अमेरिकी शोधकर्ताओं ने पाया कि हेपेटाइटिस वायरस की चार दवा के साथ रेमडिसिविर के मेल ने कोविड-19 के खिलाफ मजबूत असर दिखाया. मूल रूप से रेमडेसिविर एक दशक पहले हेपेटाइटिस सी और सर्दी जुकाम जैसे वायरस यानी रेस्पिरेटरी सिंसिशीयल वायरस की बीमारी का इलाज करने के लिए विकसित की गई थी. उसे इबोला के मरीजों के लिए भी प्रभावी और सुरक्षित पाया गया था. शुरुआत में उसे कोवड-19 के लिए अच्छी थेरेपी के तौर पर देखा गया लेकिन रिसर्च में उसके इस्तेमाल का स्पष्ट फायदा नहीं पाया गया. फिर भी, रेमडेसिविर कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाती है, यहां तक कि अमेरिका में भी.

हेपेटाइटिस सी की चारों दवा मुंह के जरिए खाई जानेवाली हैं

अमेरिकी शोधकर्ताओं ने हेपेटाइटिस सी की चार दवा के साथ रेमडेसिविर को मिलाने पर असर 10 गुना बढ़ानेवाला पाया, ये चारों ओरल दवा हैं जबकि रेमडिसिविर नस के जरिए इंजेक्ट की जाती है. शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि मेल के साथ रेमडेसिविर का इस्तेमाल कोविड-19 के इलाज में उन कोविड-19 मरीजों के लिए परिवर्तनकारी हो सकती है जिनका टीकाकरण नहीं किया गया है और उसी तरह डोज इस्तेमाल कर चुके लोगों के लिए जिनकी इम्यूनिटी वायरस के वेरिएन्ट्स उजागर होने के कारण कम हो गई है. दवाओं का परीक्षण बंदरों पर किया गया था. लेकिन चूंकि ये हेपेटाइटिस सी की दवा को पहले ही इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल चुकी है और उसके संभावित साइड-इफेक्ट्स मालूम हैं, इसलिए शोधकर्ताओं का कहना है कि संयोजन चिकित्सा का परीक्षण एक नई दवा के मुकाबले इंसानों पर ज्यादा तेजी से किया जा सकता है. उनकी रिसर्च के नतीजे सेल रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुए.

वैक्सीन लगवा चुके 65 और उससे ज्यादा उम्र वालों को अस्पताल में भर्ती होने खतरा कम

Heart Health: दिल को लेकर ना बरतें लापरवाही, जानिए इसकी अच्छी सेहत के कुछ कारगर टिप्स

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator

Source link

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here