दिल्ली: कोरोना से नहीं, अंधाधुंध दवाएं खाने से हॉस्पिटल पहुंच रहे मरीज, सफदरजंग सहित कई अस्पतालों में दिख रहे मामले

परीक्षित निर्भय, अमर उजाला, नई दिल्ली

Published by: सुशील कुमार कुमार
Updated Tue, 28 Sep 2021 12:22 AM IST

सार

सफदरजंग अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. हिमांशु वर्मा का कहना है कि अकेले मल्टी विटामिन लेने से किडनी की दिक्कत नहीं होती है। कई बार लोगों को पता नहीं होता और किडनी की बीमारी उन्हें पहले से रहती है जो बाद में बगैर चिकित्सीय सलाह दवा लेने से बढ़ जाती है।

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कोरोना महामारी की दूसरी लहर में दवाओं का अंधाधुंध इस्तेमाल जग जाहिर है। संक्रमण के साथ फंगस होना भी अत्यधिक स्टेरॉयड युक्त दवाओं के सेवन की देन है, लेकिन मल्टी विटामिन्स के साथ पैनकिलर और अन्य तरह की दवाओं के अधिक सेवन का असर भी दिखाई देने लगा है। 

कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें कोरोना नहीं हुआ, लेकिन उसके खौफ में दवाएं खाने से अब बीमार पड़ने लगे हैं। दवाएं खाते-खाते इन्हें यूरिन से संबंधित परेशानी शुरू हुई और फिर जांच में किडनी की बीमारी की पहचान हुई। ऐसे मामले सफदरजंग सहित राजधानी के कई अस्पतालों में देखने को मिल रहे हैं। टीवी या फिर खबरों के अलावा सोशल मीडिया पर प्रचारित की जा रहीं सलाहों पर भरोसा करते हुए इन लोगों ने दवाओं का सेवन किया और अब गंभीर स्थिति होने के चलते इन्हें अस्पताल में भर्ती तक होना पड़ रहा है।

मल्टी विटामिन लेने से किडनी की दिक्कत नहीं होती
सफदरजंग अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. हिमांशु वर्मा का कहना है कि अकेले मल्टी विटामिन लेने से किडनी की दिक्कत नहीं होती है। कई बार लोगों को पता नहीं होता और किडनी की बीमारी उन्हें पहले से रहती है जो बाद में बगैर चिकित्सीय सलाह दवा लेने से बढ़ जाती है। दूसरी स्थिति यह है कि पोस्ट कोविड के तहत भी लोग किडनी की परेशानी लेकर अस्पताल आ रहे हैं। मल्टी विटामिन्स के साथ पैनकिलर या अन्य तरह की दवाओं का सेवन इसे बढ़ाता है। डॉ. वर्मा ने बताया कि सफदरजंग में इन दिनों किडनी से संबंधित परेशानी को लेकर काफी मामले सामने आ रहे हैं। इनमें हर तरह की केस हिस्ट्री वाले हैं। कोविड महामारी से पहले जो किडनी से परेशान थे, वह अब क्रोनिक स्थिति में आ चुके हैं।

वहीं, लोकनायक अस्पताल के डॉ. महेश ने बताया कि उनके यहां ऐसे भी कुछ मामले हैं, जिन्होंने मल्टीविटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन और एंटीबॉयोटिक्स दवाओं का एक साथ सेवन किया। ये लोग 20 से 28 दिन तक इन दवाओं को खाते रहे जिनकी वजह से इन्हें दिक्कतें आई हैं। हालांकि यह मामले जुलाई और अगस्त तक काफी देखने को मिल रहे थे लेकिन सितंबर में इनकी संख्या कम हुई है।

डॉक्टरों के अनुसार दूसरी लहर के दौरान वॉट्सग्रुप पर दवाओं की पूरी-पूरी लिस्ट शेयर करते हुए कहा जा रहा था कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए इन दवाओं का सेवन करें और इम्युनिटी बढ़ाने के लिए देशी उपाय करें लेकिन लोगों को यह नहीं पता था कि किस का इस्तेमाल कब और कितनी खुराक में करना है। शायद यही एक वजह थी कि कुछ लोगों के लिए वह सलाह खतरनाक बन गई।

एम्स में बढ़े किडनी रोगी, आधे से ज्यादा पोस्ट कोविड
दिल्ली एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि उनके यहां भी ओपीडी में पोस्ट कोविड से संबंधित मामले तेजी से बढ़े हैं। जबकि क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) को लेकर लगातार मामले उनके यहां बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि एम्स के नेफ्रोलॉजी विभाग के पास संसाधन सीमित हैं लेकिन मरीजों की संख्या इस कदर बढ़ रही है कि हर किसी को उपचार दे पाना संभव भी नहीं हो रहा।

देशी-एलोपैथी सभी उपाय सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर
डॉक्टरों का कहना है कि इम्युनिटी को बढ़ाना है या फिर संक्रमण से बचना है। इसके लिए आयुष और एलोपैथी का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन खुद से या किसी प्रचारित वस्तु पर भरोसा न करें। अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें उसके बाद ही इनका सेवन करें।

विस्तार

कोरोना महामारी की दूसरी लहर में दवाओं का अंधाधुंध इस्तेमाल जग जाहिर है। संक्रमण के साथ फंगस होना भी अत्यधिक स्टेरॉयड युक्त दवाओं के सेवन की देन है, लेकिन मल्टी विटामिन्स के साथ पैनकिलर और अन्य तरह की दवाओं के अधिक सेवन का असर भी दिखाई देने लगा है। 

कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें कोरोना नहीं हुआ, लेकिन उसके खौफ में दवाएं खाने से अब बीमार पड़ने लगे हैं। दवाएं खाते-खाते इन्हें यूरिन से संबंधित परेशानी शुरू हुई और फिर जांच में किडनी की बीमारी की पहचान हुई। ऐसे मामले सफदरजंग सहित राजधानी के कई अस्पतालों में देखने को मिल रहे हैं। टीवी या फिर खबरों के अलावा सोशल मीडिया पर प्रचारित की जा रहीं सलाहों पर भरोसा करते हुए इन लोगों ने दवाओं का सेवन किया और अब गंभीर स्थिति होने के चलते इन्हें अस्पताल में भर्ती तक होना पड़ रहा है।

मल्टी विटामिन लेने से किडनी की दिक्कत नहीं होती

सफदरजंग अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. हिमांशु वर्मा का कहना है कि अकेले मल्टी विटामिन लेने से किडनी की दिक्कत नहीं होती है। कई बार लोगों को पता नहीं होता और किडनी की बीमारी उन्हें पहले से रहती है जो बाद में बगैर चिकित्सीय सलाह दवा लेने से बढ़ जाती है। दूसरी स्थिति यह है कि पोस्ट कोविड के तहत भी लोग किडनी की परेशानी लेकर अस्पताल आ रहे हैं। मल्टी विटामिन्स के साथ पैनकिलर या अन्य तरह की दवाओं का सेवन इसे बढ़ाता है। डॉ. वर्मा ने बताया कि सफदरजंग में इन दिनों किडनी से संबंधित परेशानी को लेकर काफी मामले सामने आ रहे हैं। इनमें हर तरह की केस हिस्ट्री वाले हैं। कोविड महामारी से पहले जो किडनी से परेशान थे, वह अब क्रोनिक स्थिति में आ चुके हैं।

वहीं, लोकनायक अस्पताल के डॉ. महेश ने बताया कि उनके यहां ऐसे भी कुछ मामले हैं, जिन्होंने मल्टीविटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन और एंटीबॉयोटिक्स दवाओं का एक साथ सेवन किया। ये लोग 20 से 28 दिन तक इन दवाओं को खाते रहे जिनकी वजह से इन्हें दिक्कतें आई हैं। हालांकि यह मामले जुलाई और अगस्त तक काफी देखने को मिल रहे थे लेकिन सितंबर में इनकी संख्या कम हुई है।


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पूरी-पूरी लिस्ट शेयर हो रही थी सोशल मीडिया पर

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