दिल्ली में कोरोना का कहर : पहली बार एक दिन में 412 मरीजों की मौत, 25 हजार से ज्यादा संक्रमित

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अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Sun, 02 May 2021 12:10 AM IST

बत्रा अस्पताल में मौत के बाद मायूसी…
– फोटो : amar ujala

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पहली बार दिल्ली में 412 लोगों की कोरोना संक्रमण से एक दिन में मौत हुई है। विशेषज्ञ इसके लिए अस्पतालों में बिस्तरों की कमी और ऑक्सीजन के संकट का असर मान रहे हैं। हालांकि दो महीने बाद राजधानी में नए मामलों से अधिक संक्रमित मरीजों को डिस्चॉर्ज भी किया गया लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि बिस्तरों का संकट दूर करने के लिए मरीजों को डिस्चॉर्ज किया जा रहा है। इसका मतलब यह नहीं है कि ये सभी कोरोना निगेटिव हैं। इन लोगों से होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जा रही है। 

स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पिछले एक दिन में 25219 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं। जबकि 27421 मरीजों को डिस्चॉर्ज किया गया। पिछले एक दिन में 79780 सैंपल की जांच में 31.61 फीसदी सैंपल संक्रमित मिले हैं। बीते दो दिन के आंकड़ों पर गौर करें तो राजधानी में 800 से भी ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है। 

फिलहाल राजधानी में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 1174552 हो चुकी है जिनमें से 1061246 अब तक डिस्चॉर्ज हो चुके हैं। वहीं 16559 मरीजों ने कोरोना के कारण दम तोड़ दिया। कोरोना से मृत्युदर 1.41 फीसदी है। इसी के साथ ही सक्रिय मरीजों की संख्या घटकर 96747 हुई है। इनमें दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में 19932 मरीज भर्ती हैं। वहीं कोविड केयर सेंटर में 925 और कोविड हेल्थ सेंटर में 117 मरीज भर्ती हैं। होम आइसोलेशन में 50554 मरीज भर्ती हैं। 

कोविड जांच को लेकर विभाग ने जानकारी दी है कि बीते शुक्रवार को आरटीपीसीआर से 63271 और रैपिड एंटीजन से 16509 सैंपल की जांच की गई। दिल्ली में अभी तक 17231565 सैंपल की जांच हो चुकी है जिनमें से 6.82 फीसदी संक्रमित मिल चुके हैं। हर दिन नए मामले बढ़ने से कंटेनमेंट जोन की संख्या भी चौंकान्ने वाली हो चुकी है। दिल्ली में अभी 39556 इलाके ऐसे हैं जहां एक या उससे अधिक मरीज मिलने की वजह से कंटेनमेंट जोन में तब्दील किए जा चुके हैं।

 नई दिल्ली के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. देवेंदु राय का कहना है कि सरकारी और गैर सरकारी आंकड़ों में अंतर स्पष्ट दिखाई दे रहा है लेकिन अगर सरकार के आंकड़ों पर ही भरोसा करें तो भी यह पता चल रहा है कि अस्पतालों में बिस्तरों का अभाव और ऑक्सीजन न मिल पाने की वजह से मरीजों की मौतें हो रही हैं। अस्पतालों में बिस्तर न मिलने की वजह से मरीज इधर उधर तलाश करता है जिसकी वजह से उसकी हालत और भी अधिक गंभीर होने लगती है। 

वहीं होम आइसोलेशन में मौजूद मरीज की तबियत बिगड़ने पर इलाज नहीं मिल पा रहा है जिसके चलते उसकी मौत तक हो जा रही है। वहीं लोकनायक अस्पताल के ही एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि अगर मरीज स्थिर अवस्था में है तो उसे घर पर जाकर आराम करने की सलाह देते हुए डिस्चॉर्ज किया जा रहा है। शायद इसीलिए रिकवरी का आंकड़ा अधिक दिखाई दे रहा है। 

45 हजार लोगों ने लिया वैक्सीन
स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी है कि शनिवार को 45 हजार से ज्यादा लोगों ने वैक्सीन लिया जिनमें 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोग शामिल हैं। 21828 ने पहली और 23525 ने दूसरी डोज ली है। अभी तक दिल्ली में 689814 लोग दो बार डोज लेकर वैक्सीन का कोर्स पूरा कर चुके हैं। 

विस्तार

पहली बार दिल्ली में 412 लोगों की कोरोना संक्रमण से एक दिन में मौत हुई है। विशेषज्ञ इसके लिए अस्पतालों में बिस्तरों की कमी और ऑक्सीजन के संकट का असर मान रहे हैं। हालांकि दो महीने बाद राजधानी में नए मामलों से अधिक संक्रमित मरीजों को डिस्चॉर्ज भी किया गया लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि बिस्तरों का संकट दूर करने के लिए मरीजों को डिस्चॉर्ज किया जा रहा है। इसका मतलब यह नहीं है कि ये सभी कोरोना निगेटिव हैं। इन लोगों से होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जा रही है। 

स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पिछले एक दिन में 25219 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं। जबकि 27421 मरीजों को डिस्चॉर्ज किया गया। पिछले एक दिन में 79780 सैंपल की जांच में 31.61 फीसदी सैंपल संक्रमित मिले हैं। बीते दो दिन के आंकड़ों पर गौर करें तो राजधानी में 800 से भी ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है। 

फिलहाल राजधानी में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 1174552 हो चुकी है जिनमें से 1061246 अब तक डिस्चॉर्ज हो चुके हैं। वहीं 16559 मरीजों ने कोरोना के कारण दम तोड़ दिया। कोरोना से मृत्युदर 1.41 फीसदी है। इसी के साथ ही सक्रिय मरीजों की संख्या घटकर 96747 हुई है। इनमें दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में 19932 मरीज भर्ती हैं। वहीं कोविड केयर सेंटर में 925 और कोविड हेल्थ सेंटर में 117 मरीज भर्ती हैं। होम आइसोलेशन में 50554 मरीज भर्ती हैं। 

कोविड जांच को लेकर विभाग ने जानकारी दी है कि बीते शुक्रवार को आरटीपीसीआर से 63271 और रैपिड एंटीजन से 16509 सैंपल की जांच की गई। दिल्ली में अभी तक 17231565 सैंपल की जांच हो चुकी है जिनमें से 6.82 फीसदी संक्रमित मिल चुके हैं। हर दिन नए मामले बढ़ने से कंटेनमेंट जोन की संख्या भी चौंकान्ने वाली हो चुकी है। दिल्ली में अभी 39556 इलाके ऐसे हैं जहां एक या उससे अधिक मरीज मिलने की वजह से कंटेनमेंट जोन में तब्दील किए जा चुके हैं।

 नई दिल्ली के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. देवेंदु राय का कहना है कि सरकारी और गैर सरकारी आंकड़ों में अंतर स्पष्ट दिखाई दे रहा है लेकिन अगर सरकार के आंकड़ों पर ही भरोसा करें तो भी यह पता चल रहा है कि अस्पतालों में बिस्तरों का अभाव और ऑक्सीजन न मिल पाने की वजह से मरीजों की मौतें हो रही हैं। अस्पतालों में बिस्तर न मिलने की वजह से मरीज इधर उधर तलाश करता है जिसकी वजह से उसकी हालत और भी अधिक गंभीर होने लगती है। 

वहीं होम आइसोलेशन में मौजूद मरीज की तबियत बिगड़ने पर इलाज नहीं मिल पा रहा है जिसके चलते उसकी मौत तक हो जा रही है। वहीं लोकनायक अस्पताल के ही एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि अगर मरीज स्थिर अवस्था में है तो उसे घर पर जाकर आराम करने की सलाह देते हुए डिस्चॉर्ज किया जा रहा है। शायद इसीलिए रिकवरी का आंकड़ा अधिक दिखाई दे रहा है। 

45 हजार लोगों ने लिया वैक्सीन

स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी है कि शनिवार को 45 हजार से ज्यादा लोगों ने वैक्सीन लिया जिनमें 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोग शामिल हैं। 21828 ने पहली और 23525 ने दूसरी डोज ली है। अभी तक दिल्ली में 689814 लोग दो बार डोज लेकर वैक्सीन का कोर्स पूरा कर चुके हैं। 

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