पाकिस्तान की कोई बात भी नहीं कर रहा जबकि अफगानिस्तान से लोगों को निकालने में कर रहे हैं मदद: शाह महमूद कुरैशी

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पाकिस्तान की कोई बात भी नहीं कर रहा जबकि अफगानिस्तान से लोगों को निकालने में कर रहे हैं मदद: शाह महमूद कुरैशी

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि उनका देश अफगानिस्तान से लोगों को निकालने में मदद कर रहा है लेकिन इसके बावजूद अंतरराष्ट्रीय समुदाय उनके देश के बारे में बात भी नहीं कर रहा है। शाह महमूद कुरैशी ने कतर के टीवी चैनल अल-जजीरा को दिए इंटरव्यू में यह बात कही है। कुरैशी ने कहा कि काबुल में स्थित पाकिस्तान दूतावास अफगानिस्तान से लोगों को बाहर निकालने में दिनरात सहायता कर रहा है, यहां तक कि कई देशों के राजनयिकों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में सहायता की है लेकिन इसके बावजूद अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान के इन प्रयासों पर बात भी नहीं कर रहा। शाह महमूद कुरैशी ने बताया कि जो देश अफगानिस्तान से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में सहायता कर रहे हैं उन देशों की लिस्ट में पाकिस्तान का नाम तक नहीं डाला गया है।

दरअसल अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी में अगर किसी एक देश का सबसे ज्यादा योगदान है तो वह पाकिस्तान ही है। पाकिस्तान ने ही अफगानिस्तान की सरकार को बेदखल करने में तालिबान की सहायता की है और अब वह दुनिया के सामने ढोंग कर रहा है कि अफगानिस्तान में वह लोगों की सहायता कर रहा है। दुनिया पाकिस्तान के इस ढोंग को अच्छी तरह से समझ चुकी है और यही वजह है कि दुनिया ढोंगी पाकिस्तान के बारे में बात भी नहीं कर रही।

पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने यही रोना रोता आया है कि वह खुद आतंकवाद का शिकार है, जबकि सच्चाई ये है कि पाकिस्तान दुनियाभर के खतरनाक आतंकवादियों की पनाहगाह बन चुका है। आतंकी संगठन अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को जब पूरी दुनिया ढूंढ रही थी तो अमेरिकी खूफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान में ही उसका ठिकाना ढूंढा था और बाद में उसे वहीं पर मार दिया था।

संयुक्त राष्ट्र की लिस्ट में जो सबसे खतरनाक आतंकवादी हैं उनमें कई आतंकवादी खुले तौर पर पाकिस्तान में घूम रहे हैं। पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई ने ही तालिबान को तैयार करने और उसे हर संभव सहायता दी है ताकि वह अफगानिस्तान की सरकार को बेदखल कर सके।



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