बॉम्बे हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, गृहमंत्री अनिल देशमुख पर सौ करोड़ वसूली के आरोप की जांच CBI करेगी

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डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने डॉ जयश्री पाटिल की याचिका पर सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए हैं। चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की बेंच ने सीबीआई को 15 दिनों के भीतर प्राथमिक जांच पूरी करने के लिए कहा है। दरअसल, मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के अलावा वकील डॉ जयश्री पाटिल ने अपनी याचिका में गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की गई थी। इससे पहले 31 मार्च को बॉम्बे हाईकोर्ट ने परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई की थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था।

क्या कहा हाईकोर्ट ने?
कोर्ट ने कहा कि अनिल देशमुख पर ये आरोप लगाए गए हैं, वो ही राज्य के गृह मंत्री हैं। ऐसे में निष्पक्ष जांच के लिए पुलिस पर निर्भर नहीं रह सकते हैं। इसलिए सीबीआई को इस मामले की जांच करनी चाहिए। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि सीबीआई को शुरुआती जांच करनी चाहिए, जिसमें सभी को सहयोग करना होगा। 15 दिनों के अंदर सीबीआई के डायरेक्टर को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। अगर सीबीआई की रिपोर्ट में गृह मंत्री अनिल देशमुख पर केस पुख्ता बनता है, तो सीबीआई एफआईआर दर्ज करेगी।

बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर शीर्ष पद से अपने तबादले को चुनौती दी थी। पूर्व कमिश्नर ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भी हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली के आरोप लगाते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराने की भी मांग की थी। पेशे से वकील डॉ जयश्री पाटिल ने भी इसी तरह की एक याचिका लगाई थी।

दरअसल, बीती दिनों उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटक से भरी स्कार्पियो मिली थी। इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कर रही है। जांच से पता चलता है कि पूरे मामले की साजिश पुलिस मुख्यालय और असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर (API) सचिन वाझे के ठाणे स्थित घर पर रची गई थी। पुलिस मुख्यालय में स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन (जिनकी हत्या हो चुकी है) का पहले से ही आना-जाना था। इस केस में वाझे की भूमिका सामने आने के बाद उसे एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया था। बाद में मुंबई के तत्कालीन कमिश्नर परमबीर सिंह का भी तबादला कर दिया गया। 

परमबीर सिंह ने तबादले के बाद मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर बड़ा खुलासा किया था। परमबीर सिंह ने कहा था कि अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को कई बार घर पर मिलने के लिए बुलाया। गृह मंत्री ने वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट दिया था।

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