मध्य प्रदेश सरकार ने ‘मैजिक मंडे’ हासिल करने के लिए 4 दिनों तक जमा की वैक्सीन की खुराक?

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डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में 21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन से शुरू हुए वैक्सिनेशन के महाअभियान के पहले दिन  रिकॉर्ड तोड़ वैक्सिनेश हुए। इस दिन मध्य प्रदेश में 16.95 लाख वैक्सीन लगाई गई थी जो एक महारिकॉर्ड बना। लेकिन दूसरे ही दिन सीएम शिवराज सिंह चौहान के इस महाअभियान की पोल खुल गई। मध्य प्रदेश में महाअभियान के दूसरे दिन महज 4,825 लोगों को ही टीका लग सका। 

कई देशों की आबादी से ज्यादा लगी 1 दिन में वैक्सीन
दरअसल, 21 जून को मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने वह कर दिखाया जो अभी तक कोई भी नहीं कर पाया है। इस एक दिन में प्रदेश में इतने कोरोना के टीके लगे है जो विश्व के कई देशों की आबादी से काफी ज्यादा है। भूटान की जनसंख्या करीबन 7 लाख 70 हजार है, बहरीन 15 लाख, मॉरीशस 12 लाख 80 हजार। वहीं मध्य प्रदेश में 21 जून को महज 10 घंटों के भीतर 16 लाख 95 हजार वैक्सीन के डोज लगाए गए। ऐसे में अब सवाल उठ रहें है कि यह कैसे संभव हुआ। 21 जून को ऐसा क्या हुआ कि मध्य प्रदेश में रिकॉड तोड़ वैक्सीन लगी। 

वैक्सीन की खुराक जमा की थी
वैक्सिनेशन के आंकड़ों में आई भारी गिरावट के बाद अब शिवराज सरकार पर सवाल उठ रहे हैं की महारिकॉर्ड बनाने के लिए सरकार ने वैक्सिनेशन में बड़ा हेरफेर किया है। ‘मैजिक मंडे’ हासिल करने के लिए दिनों तक वैक्सीन की खुराक जमा की थी। आरोप लगाए जा रहा है कि रिकॉड वैक्सिनेशन के लिए सरकार ने 4 दिन पहले के वैक्सिनेश का डाटा रोक रखा था। 

4 दिनों से कम लग रही थी वैक्सीन

कांग्रेस के आलानेताओं और एमपी कांग्रेस ने इस मामले में दावा किया है कि सरकार ने ज्यादा आंकड़े दिखाने के  लिए 4 दिन पहले से ही वैक्सीनेशन स्लॉट में कमी कर दी थी। महाअभियान से पहले के 4 दिनों की बात करें तो 17 जून को प्रदेश में 124,226 लोगों को वैक्सीन का डोज लगा था, 18 जून को 14,862 लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी, 19 जून को 22,006 और महाअभियान के एक दिन पहले 20 जून को महज 692 वैक्सीन लगाई गई। इन आंकड़ों से यह साफ पता चलता है की 17 जून से लेकर 20 जून तक मध्य प्रदेश में वैक्सिनेशन की गति को लगातार कम किया गया था, और 21 जून से शुरू हुए वैक्सिनेशन के महाअभियान में उन चार दिनों में इकट्ठा की गई करीबन 12 लाख वैक्सीन को एक साथ लगा कर मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने दुनिया भर में वाहवाही लूटी ली। 

4 दिन में 12 लाख डोज बचाए
अगर 16 जून को इस्तेमाल हुए 338847 डोज को इसी रफ़्तार से अगले चार दिन और लगाया जाता तो 16 से 20 जून तक करीब 13 लाख 55 हजार डोज लगा दिए जाने चाहिए थे लेकिन इन चार दिनों में केवल 1 लाख 61 हजार 826 डोज ही लगाए गए। यानी सरकार ने चार दिनों में ही 11 लाख 93 हजार 174 डोज बचा लिए।

भाजपा शासित राज्यों में ज्यादा हुआ वैक्सिनेशन
21 जून को देश में 19% वैक्सिनेशन मध्य प्रदेश का रहा। मध्यप्रदेश के बाद भाजपा शासित ही कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, बिहार, गुजरात और हरियाणा का स्थान रहा। वहीं गैर भाजपा शासित राजस्थान और महाराष्ट्र में वैक्सीन के आंकड़े में ज्यादा अंतर नहीं देखा गया। 

आपको जान बचाना है या हेडलाइन बनाना
रिकॉर्ड बनाने में हुई इस हेरफेर को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अनुराग द्वारी ने भी सरकार पर सवाल उठाए है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, “इसलिये कहता हूं सरकार आयोजन गुरू है, मप्र जहां 16 जून को 338,847 टीके लगे वहीं 18 को मात्र 14,862, 19 को 22,006 और 20 को 692  ये कोविन डेटा है,राज्य सरकार के मुताबिक 20 जून को 4098, 19 को 24700, 18 को 11742! आपको जान बचाना है या हेडलाइन बनाना?”

भाजपा सरकार के आँकड़ों पर भरोसा नहीं
उधर पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह कहा है कि उन्हें भाजपा सरकार के आँकड़ों पर भरोसा नहीं है। RTI के माध्यम से शासन से इसकी जानकारी लेना चाहिए। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, ‘आपदा में अवसर, फिर आस्था में अवसर, अब आपदा में आयोजन। वाह शिवराज उर्फ़ मामू जी 16 लाख टीको के अगले दिन सिर्फ 4000 टीके!!  इवेंट मैनेजमेंट आपने भी मोदी जी से सीख लिया।

टीकों की जमाखोरी का ऐसा कोई मुद्दा नहीं है
प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा – टीकों की जमाखोरी का ऐसा कोई मुद्दा नहीं है। जितनी वैक्सीन हमारे पास आती गई हम उतनी लगाते गए। उन्होंने कहा, हो सकता है कि कुछ डेटा प्रविष्टि मुद्दे थे जो पहले कम संख्या को दर्शाते थे। सोमवार को हमारे सभी टीकाकरण आपकी आंखों के सामने किए गए थे। छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।

नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस को घेरा

इस मामले पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर कांग्रेस को घेरा है। मिश्रा ने कहा कि अच्छा काम हुआ है इसलिए कांग्रेस बर्दाश्त नहीं कर पा रही।



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