रिपोर्ट का दावा- जंग छिड़ी तो समुद्री लड़ाई में विजेता होगा चीन, हवाई युद्ध में अमेरिका को होगी जीत हासिल

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रक्षा मंत्रालयों की वेबसाइट मिलिट्री डायरेक्ट की तरफ से जारी की गई एक ताजा स्टडी के अनुसार चीन के पास दुनिया की सबसे मजबूत सैन्य शक्ति है. इसी स्टडी के मुताबिक ‘अमेरिका विशाल सैन्य बजट के बावजूद 74 पॉइंट्स के साथ दूसरे नंबर पर है. उसके बाद तीसरे स्थान पर रूस 69 पॉइंट्स के साथ और भारत 61 पॉइंट्स के साथ इस लिस्ट में चौथे पायदान हैं इसके बाद 58 पॉइंट्स के साथ फ्रांस का नंबर आता है.

इस स्टडी में ये बात भी सामने आई है कि बजट,सैनिकों और वायु व नौसेना की क्षमता पर आधारित इन अंकों पर गौर किया जाए तो किसी काल्पनिक संघर्ष में अगर समुद्री लड़ाई होती है तो चीन विजेता के तौर पर उभरेगा वहीं हवाई युद्ध होने की स्थिति में अमेरिका बाजी मारेगा. अगर जमीनी लड़ाई होती है तो जीत का सेहरा रूस के सिर बंधेगा.

समुद्री लड़ाई होती है तो चीन की जीत की ये है वजह

समुद्री लड़ाई होती है तो चीन के जीतने की कई ठोस वजहें रहेंगी. दरअसल स्टडी पर गौर करें तो इसमें बताया गया है कि चीन के पास दुनिया की सबसे मजबूत सेना है और इसने इंडेक्स में 100 में से 82 पॉइंट्स हासिल किए हैं. स्टड़ी में बजट, एयर और नौसेना की क्षमता आधार पर चीनी सेना को शक्तिशाली बताया गया है. बता दें कि समुद्र में चीन के वर्चस्व की वजह ये  है कि उसके पास 406 जहाज हैं जबकि रूस के पास सिर्फ 2788 जहाज और अमेरिका व भारत के पास केवल 202 जहाज है. ऐसे में जाहिर सी बात है कि अगर समुद्री युद्ध की स्थिति कभी बनी तो चीन इसमें यकीनन विजय हासिल कर लेगा.

अमेरिका हवाई युद्ध में रह सकता है विजेता

वहीं स्टडी के मुताबिक दुनिया का सबसे ज्यादा सैन्य बजट 732 बिलियन अमरीकी डालर प्रति वर्ष अमेरिका का है. इस मामले में चीन 261 बिलियन अमरीकी डालर के साथ दूसरे स्थान पर है. इसके बाद 71 बिलियन अमरीकी डालर के साथ भारत का नंबर है. ऐसे में अगर कभी हवाई युद्ध की स्थिति बनती है तो अमेरिका की जीत निश्चित है क्योंकि अमेरिका के पास 14,141 लड़ाकू विमान हैं वहीं इस मामले में चीन अमेरिका से काफी पीछे हैं उसके पास सिर्फ 3,587 लड़ाकू विमान हैं और रूस के पास कुल 4,682 विमान हैं.

जमीनी जंग में जीत रूस की हो सकती है

अगर बात जमीन पर जंग की आई तो रूस इस मामले में जीत हासिल कर सकता है. दरअसल बता दें कि रूस के पास जंग के लिए 54, 866 वाहन हैं, जबकि अमेरिका के पास 50,326 वाहन हैं. इस मामले में चीन दोनों देशों के पीछे हैं उसके पास सिर्फ 41,641 वाहन हैं.

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