आज है बुध प्रदोष व्रत, महादेव का आशीर्वाद पाने के लिए शिव योग में करें पूजा, नोट कर लें टाइमिंग और व्रत से जुड़ी खास बातें

Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 10 मार्च यानी आज है। इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। हर माह दो प्रदोष व्रत होते हैं। पहला कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में रखा जाता है। महाशिवरात्रि के एक दिन पहले आने वाले प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। खास बात यह है कि इस बार प्रदोष व्रत के दिन शिव योग भी बन रहा है। शिव योग में महादेव की पूजा को विशेष लाभकारी माना जाता है।

आज का प्रदोष व्रत बुधवार को रखा जा रहा है। इस दिन आने वाले प्रदोष व्रत को बुध प्रदोष व्रत या सौम्यवारा प्रदोष व्रत भी कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह प्रदोष व्रत शिक्षा एवं ज्ञान की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। ऐसा भी माना जाता है कि भगवान शिव अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं।

प्रदोष व्रत के दिन बन रहे ये योग-

परिघ – दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से 10 मार्च की सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक।
शिव योग – 10 मार्च को सुबह 10 बजकर 36 मिनट से 11 मार्च की सुबह 09 बजकर 24 मिनट तक।

 मार्च का पहला प्रदोष व्रत आज, जानिए व्रत नियम

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त-

प्रदोष व्रत तिथि – 10 मार्च 2021(बुधवार)
फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ – 10 मार्च 2021 बुधवार को दोपहर 02 बजकर 40 मिनट से
त्रयोदशी तिथि समाप्त – 11 मार्च 2021 गुरुवार को 02 बजकर 39 मिनट तक।

प्रदोष में क्या नहीं करना चाहिए-

प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने के बाद ही भोजन ग्रहण करना चाहिए। प्रदोष व्रत में अन्न, नमक, मिर्च आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत के समय एक बार ही फलाहार ग्रहण करना चाहिए। 

प्रदोष व्रत आज, इस व्रत कथा को पढ़ने या सुनने से सभी कष्टों के दूर होने की है मान्यता

प्रदोष व्रत की पूजा विधि-

1. स्नान आदि के बाद भगवान शिव का अभिषेक करें।
2. पंचामृत का पूजा में इस्तेमाल करना चाहिए।
3. भगवान शिव की धूप व दीपक से आरती करें।
4. महादेव को भोग लगाएं।
5. प्रदोष व्रत का संकल्प लें।
6. प्रदोष व्रत के दिन व्रत व नियमों का पूरे दिन पालन करें।
7. शाम को महादेव की पूजा करने के बाद आरती उतारें।
8. अगले दिन व्रत का पारण करें।

Source link