जानिएं, क्यों बढ़ रही हैं रेमडेसिविर की मांग और क्या हैं ‘कोरोना’ में इसका इस्तेमाल ?

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डिजिटल डेस्क,भोपाल। जहां देशभर में कोरोना वायरस अपने पैर पसार रहा हैं वही बाजारों में रेमडेसिविर की मांग तेजी से बढ़ रही है। रेमडेसिविर इंजेक्शबन के लिए हाल ही में इंदौर समेत देश के कई शहरों के दवा बाजारों में खरीददारों की भारी भीड़ लगी, जिसकी वजह से कई जगहों पर रेमडेसिविर की कालाबाजारी की खबरें भी आ रही हैं।

क्या है रेमडेसिविर

  • अमेरिका की फार्मास्युटिकल गिलियड साइंसेज कंपनी ने रेमेडेसिविर को बनाया था।
  • हेपेटाइटिस के इलाज के लिए रेमडेसिविर दवाई की खोज की गई थी।
  • रेमडेसिविर एक न्यूक्लियोसाइड राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA) पोलीमरेज़ इनहिबिटर इंजेक्शन है।
  • लेकिन बाद में इबोला वायरस के खिलाफ भी यह दवाई काफी कारगर साबित हुई।
  • साल 2020 में जब कोरोना महामारी ने दुनियाभर में तबाही मचा दी तब रेमडेसिविर का इस्तेमाल कोरोना मरीजों पर किया गया, जो काफी प्रभावी निकली।
  • दरअसल यह दवाई शरीर में कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकती है, बता दें कि, बीते दिनों डब्लूएचओ ने भी कोरोना के इलाज के लिए रेमडिसिविर दवाई के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी।
  • जिसके बाद भारत में इस दवाई की डिमांड काफी बढ़ गई है।
  • कोरोना की देश में पहली लहर के दौरान सिर्फ 15-20 मरीजों को ही रेमडिसिविर के इंजेक्शन दिए गए लेकिन दूसरी लहर में यह आंकड़ा बढ़कर 80 फीसदी के करीब पहुंच गया है।

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