पीपीएफ समेत तमाम छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों पर केंद्र सरकार कई बार कैंची चला चुकी है। पिछले दिनों एक फीसद तक कि कटौती का ऐलान तो कर दिया लेकिन सरकार 24 घंटे के अंदर ही यू-टर्न लेकर फैसला वापस ले लिया। जानकारों का कहना है कि ऐसा पश्चिम बंगाल में हो रहे चुनाव के मद्देनजर किया गया। क्योंकि छोटी बचत योजनाओं में बंगाल का योगदान सबसे अधिक है। इस सब के बावजूद वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे निवेशकों के लिए अभी भी छोटी बचत योजनाओं में निवेश करना फायदे का सौदा है।
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किस योजना पर कितना ब्याज
- टाइम डिपॉजिट स्कीम के तहत 1 साल की जमा पर 5.50%, 2 साल की जमा पर 5.50% और 3 साल की जमा पर 5.50% ब्याज मिलेगा। वहीं, 5 साल की जमा पर ब्याज दर 6.70% फीसद है।
- आरडी: पोस्ट ऑफिस की आरडी पर 5.8 फीसद सालाना की दर से ब्याज मिलेगा। मेच्योरिटी 5 साल की है।
- सीनियर सिटीजंस स्कीम: सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम पर 7.4 फीसद सालाना की दर से ब्याज मिलता रहेगा।
- मंथली इनकम स्कीम यानी एमआईएस: पोस्ट ऑफिस की एमआईएस पर 6.6 फीसद सालाना ब्याज मिलता है।
- एनएससी पर सालाना 6.8 फीसद का ब्याज मिलेगा।
- पीपीएफ: पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश पर 7.1 फीसद सालाना ब्याज मिलेगा। इसकी मेच्योरिटी 15 साल की है।
- सुकन्या समृद्धि स्कीम: इस स्कीम पर 7.6 फीसद सालाना ब्याज है।
भले ही हाल के कुछ सालों में म्यूचुअल फंड पर निवेशकों का भरोसा बढ़ा है, लेकिन अभी भी ग्रामीण और छोटे शहरों में सबसे अधिक निवेशकों का भरोसा छोटी बचत योजनाओं पर है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि इसमें निवेश पर जोखिम बिल्कुल नहीं होता है क्योंकि इसकी गारंटी सरकार लेती है। वहीं, उनको तय समय के बाद रिटर्न मिल जाता है।
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