बाइडेन बोले- कोरोना महामारी की शुरुआत में भारत ने हमारी मदद की, वैसे ही अब हम करेंगे

0
7
Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। कोरोना महामारी से जूझ रहे भारत की इस मुसीबत की घड़ी में अमेरिका ने मदद का हाथ बढ़ाया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, महामारी की शुरुआत में भारत ने हमारे अस्पतालों में सहायता भेजी थी। अब जबकि उसे जरूरत है, तो हम मदद के लिए तैयार खड़े हैं। वहीं उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि हम भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि कोरोना की इस लहर के दौरान जल्दी से जल्दी मदद और साजो-सामान भेजा जा सके। बता दें कि इससे पहले फ्रांस, रूस और ब्रिटेन जैसे देशों ने भी भारत की मदद के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया था।

दूसरी तरफ अमेरिका अब भारत को कोविड वैक्सीन के उत्पादन के लिए जरूरी कच्चे माल की सप्लाई करने के लिए तैयार हो गया है। भारतीय NSA अजित डोभाल और अमेरिकी NSA जेक सुलिवन की बातचीत के बाद अमेरिका की तरफ से ये फैसला लिया गया है।  सुलिवन ने कहा, भारत में बन रही कोवीशील्ड वैक्सीन के लिए जिस कच्चे माल की जरूरत होगी, अमेरिका उसे तुरंत मुहैया कराएगा। अमेरिका की तरफ से भारत को रेपिड टेस्ट किट, वेंटिलेटर्स और PPE किट भी उपलब्ध कराई जाएगी। अमेरिका भारत को तुरंत ऑक्सीजन और उससे जुड़ी सप्लाई देने का विकल्प भी ढूंढ रहा है।

सुलिवन ने ये भी कहा कि अमेरिका कुछ एक्सपर्ट की टीम भेजेगा, जो सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC), यूएस एड, अमेरिकी दूतावास और भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर काम करेगी। अमेरिका का डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (DFC) बॉयोलॉजिकल ई कंपनी को बढ़ाने के लिए फंडिग देगा, ताकि कंपनी 2022 के अंत तक भारत में कोविड-19 की 10 करोड़ वैक्सीन बना सके।

बता दें कि अमेरिका ने कोरोना की वैक्सीन के कच्चे माल के निर्यात पर रोक लगा दी थी जिसके बाद पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के CEO अदार पूनावाला ने अमेरिका के राष्ट्रपति को ट्वीट कर कच्चे माल के निर्यात पर से रोक हटाने की मांग की थी। पूनावाला ने सोशल मीडिया पर लिखा था, ‘आदरणीय अमेरिका के राष्ट्रपति अगर हम सचमुच वायरस को हराने को लेकर एकजुट हैं तो अमेरिका के बाहर के वैक्सीन उद्योग के आधार पर मैं आपने अनुरोध करता हूं कि अमेरिका के बाहर कच्चे माल के निर्यात के ऊपर लगे प्रतिबंध को हटा दें, ताकि वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाया जा सके। आपके प्रशासन के पास इसकी विस्तृत जानकारी है।’



Source link

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here