मोदी सरकार ने की कर्मचारियों के लिए घोषणा, EPFO व ESIC स्‍कीम के तहत मिलेंगे अब अतिरिक्‍त लाभ

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Photo:PTI

Modi government announces additional benefits under EPFO, ESIC schemes


नई दिल्‍ली। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के बीच कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के जरिये कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त लाभों की घोषणा की है। इन लाभों में कोविड-19 से मरने वाले ईएसआईसी के बीमा धारकों के आश्रितों के लिए पेंशन की सुविधा और ईपीएफओ द्वारा संचालित समूह बीमा योजना कर्मचारी जमा सम्बद्ध बीमा योजना (ईडीएलआई) के तहत सुनिश्चित 6 लाख रुपये की अधिकतम राशि को बढ़ाकर 7 लाख रुपये करना शामिल है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी की वजह से बढ़ती मौत की घटनाओं को देखते हुए कर्माचारियों में अपने परिवार के लोगों की सलामती को लेकर भय एवं चिंता से निपटने के लिए ईएसआईसी और ईपीएफओ योजनाओं के जरिये कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त लाभों की घोषणा की है। इसमें कहा गया कि नियोक्ताओं पर किसी भी तरह का अतिरिक्त खर्च डाले बिना कर्मचारियों को बेहतर सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उपाय किए गए हैं। इस समय ईएसआईसी बीमा धारक व्यक्ति की मृत्यु या शारीरिक अशक्तता की स्थिति में उसके पति/पत्नी एवं विधवा मां को जीवन पर्यंत और बच्चों को 25 साल तक की उम्र तक उस कर्मचारी के औसत दैनिक वेतन के 90 प्रतिशत हिस्से के बराबर पेंशन दी जाती है। कर्मचारी की बेटी होने की स्थिति में उसे उसकी शादी तक यह लाभ दिया जाता है।

ईएसआईसी योजना के तहत बीमा धारक या बीमित व्यक्ति (आईपी) के परिवारों की सहायता करने के लिए, यह फैसला किया गया है कि आईपी के परिवार के सभी आश्रित सदस्य जो ईएसआईसी के ऑनलाइन पोर्टल में कोविड बीमारी के निदान और इस रोग के कारण बाद में मौत से पहले पंजीकृत हैं, वे भी काम के दौरान मरने वाले बीमित व्यक्तियों के आश्रितों को प्राप्त होने वाले लाभ और इसे समान स्तर पर ही हासिल करने के हकदार होंगे। इसके लिए दो शर्तें पूरी करनी होंगी। पहली कि आईपी ​​को ईएसआईसी ऑनलाइन पोर्टल पर कोविड रोग के निदान और इसके चलते होने वाली मौत से कम से कम तीन महीने पहले पंजीकृत होना चाहिए। दूसरी कि बीमित व्यक्ति निश्चित तौर पर वेतन के लिए नियोजित होना चाहिए और मृतक बीमित व्यक्ति के संदर्भ में कोविड रोग का पता चलने, जिससे मौत हुई हो, ठीक पूर्ववर्ती एक साल के दौरान कम से कम 78 दिन का अशंदान होना चाहिए।

बीमित व्यक्ति, जो पात्रता की शर्तों को पूरा करते हैं और कोविड बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हो गई है, उनके आश्रित अपने जीवन के दौरान बीमित व्यक्ति के औसत दैनिक वेतन का 90 फीसदी मासिक भुगतान प्राप्त करने के हकदार होंगे। यह योजना 24 मार्च, 2020 से दो वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी होगी। ईपीएफओ की कर्मचारी जमा सम्‍बद्ध बीमा योजना (ईडीएलआई) के तहत इस योजना के सदस्य की मौत होने पर उनके परिवार के सभी जीवित आश्रित सदस्य ईडीएलआई के लाभों को हासिल करने के योग्य होंगे। वर्तमान में इस योजना के तहत, कर्मचारी की मौत के मामले में दिए गए लाभों का विस्तार किया गया है, अब ग्रेच्युटी के भुगतान के लिए न्यूनतम सेवा की जरूरत नहीं है, पारिवारिक पेंशन का भुगतान ईपीएफ और एमपी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार किया जा रहा है, कर्मचारी के बीमार होने और कार्यालय न आने की स्थिति में साल में 91 दिनों के लिए बीमारी लाभ के रूप में कुल मजदूरी का 70 फीसदी का भुगतान किया जाता है।

मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कुछ संशोधन किए गए हैं। पहले संशोधन के तहत मृतक कर्मचारी के परिजनों को मिलने वाली अधिकतम लाभ राशि को छह लाख से बढ़ाकर सात लाख कर दिया गया है। दूसरे संशोधन के तहत मृतक कर्मचारियों के पात्र परिवार के सदस्यों को 2.5 लाख रुपये का न्यूनतम आश्वासन लाभ मिलेगा, जो अपनी मौत से पहले एक या अधिक प्रतिष्ठानों में 12 महीने की निरंतर अवधि के लिए सदस्य थे। मौजूदा प्रावधान में एक प्रतिष्ठान में 12 महीने तक लगातार रोजगार का प्रावधान है। इससे अनुबंधित/अनौपचारिक मजदूरों को लाभ होगा जो एक प्रतिष्ठान में लगातार एक वर्ष तक काम करने की स्थिति के कारण लाभ से वंचित थे। मंत्रालय ने साथ ही 15 फरवरी 2020 से पहले के प्रावधान के मुताबिक न्यूनतम 2.5 लाख रुपये मुआवजे का प्रावधान बहाल कर दिया है।

आने वाले तीन वर्षों में, एक्चुअरी ने अनुमान लगाया है कि पात्र परिवार के सदस्यों को वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक ईडीएलआई फंड से 2,185 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। योजना के तहत मृत्यु के कारण होने वाले दावों की संख्या प्रति वर्ष लगभग 50,000 परिवार होने का अनुमान लगाया गया है। इसमें अनुमानित 10,000 मौत कोविड के कारण हो सकती है। ये कल्याणकारी उपाय उन श्रमिकों के परिवारों को बहुत जरूरी सहायता प्रदान करेंगे और उन्हें महामारी के इस चुनौतीपूर्ण समय में वित्तीय कठिनाइयों से बचाएंगे, जिनकी कोविड-19 बीमारी के कारण मौत हो गई।

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