शनि देव और देवगुरु बृहस्पति हैं इस नक्षत्र के स्वामी, भाग्यशाली होते हैं इसमें जन्मे लोग

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27 नक्षत्रों में से आठवां पुष्य नक्षत्र सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। इसे नक्षत्रों का राजा माना जाता है। इस नक्षत्र के स्वामी शनि और गुरु बृहस्पति हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस नक्षत्र में जन्मे जातक संपन्न और भाग्यशाली होते हैं। ये लोग नियमों का पालन करने वाले होते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक सुख-सुविधाओं का लाभ उठाने वाले होते हैं। इन्हें दूसरों की सेवा करना अच्छा लगता है।

जानिए पु्ष्य नक्षत्र में जन्मे जातकों का स्वभाव और व्यक्तित्व-

पुष्य नक्षत्र के जातक मेहनती होते हैं। यह सफलता को अपनी कड़ी मेहनत से पाने में विश्वास रखते  हैं। इन्हें अध्यात्म में गहरी रुचि होती है। ये लोग सोच-विचार कर पैसा खर्च करते हैं। इस नक्षत्र के लोग जल्दी दूसरों के साथ घुल-मिल जाते हैं। ये लोग दयालु, विविध कलाओं में निपुण और बलवान होते हैं।

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इस नक्षत्र के जातक व्यावहारिक, स्पष्टवादी और विश्वासपूर्ण होते हैं। ये माता-पिता भक्त और बुद्धिमान होते हैं।  नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति की इन जातकों पर विशेष कृपा होती है। जिसके कारण इन्हें जीवन में मान-सम्मान के साथ प्रशंसा हासिल होती है। ये रिश्तों को निभाना जानते हैं।

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यह स्वभाव से गंभीर व संवेदनशील होते हैं। इन्हें बीच में कोई काम छोड़ना पसंद नहीं होता है। ये अच्छे बिजनेसमैन भी साबित होते हैं। यह अपनी बातों से सभी के दिलों में जगह बना लेते हैं। इस नक्षत्र में जन्मे लोग लेखक, कवि, साहित्यकार या भविष्यवक्ता भी हो सकते हैं।

(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)

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