Apara Ekadashi 2021: अपरा (अचला) एकादशी के दिन बन रहा शोभन योग, जानिए ज्योतिष शास्त्र में क्या है इसका महत्व

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एकादशी तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 06 जून को पड़ रही है। इस एकादशी को अपरा या अचला एकादशी कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अपरा एकादशी व्रत और पूजन करने से व्यक्ति के पाप मिट जाते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। अपरा एकादशी तिथि के दिन शोभन योग बन रहा है। इस दिन शोभन योग सुबह 04 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। इसके बाद अतिगण्ड योग लग जाएगा। 

शोभन योग का महत्व-

शुभ कार्यों और यात्रा पर जाने के लिए शोभन योग उत्तम माना गया है। इस योग में शुरू की गई यात्रा मंगलमय एवं सुखद रहती है।

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अपरा एकादशी 2021 शुभ मुहूर्त-

एकादशी तिथि 05 जून 2021 को सुबह 04 बजकर 07 मिनट से शुरू होकर 06 जून 2021 को सुबह 06 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। अपरा एकादशी व्रत पारण शुभ मुहूर्त 07 जून 2021 को सुबह 05 बजकर 12 मिनट से सुबह 07 बजकर 59 मिनट तक रहेगा।

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अपरा एकादशी पूजा विधि-

एकादशी के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्‍नान करने के बाद साफ वस्‍त्र धारण करके एकादशी व्रत का संकल्‍प लें। 
– उसके बाद घर के मंदिर में पूजा करने से पहले एक वेदी बनाकर उस पर 7 धान (उड़द, मूंग, गेहूं, चना, जौ, चावल और बाजरा) रखें। 
– वेदी के ऊपर एक कलश की स्‍थापना करें और उसमें आम या अशोक के 5 पत्ते लगाएं। 
– अब वेदी पर भगवान विष्‍णु की मूर्ति या तस्‍वीर रखें। 
– इसके बाद भगवान विष्‍णु को पीले फूल, ऋतुफल और तुलसी दल समर्पित करें। 
– फिर धूप-दीप से विष्‍णु की आरती उतारें। 
– शाम के समय भगवान विष्‍णु की आरती उतारने के बाद फलाहार ग्रहण करें। 
– रात्रि के समय सोए नहीं बल्‍कि भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करें।
– अगले दिन सुबह किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं और यथा-शक्ति दान-दक्षिणा देकर विदा करें। 
– इसके बाद खुद भी भोजन कर व्रत का पारण करें।

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