कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय कंपनियों के कामकाज पर रखेगा पैनी नजर

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कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की एक नई व्यवस्था के जरिए कंपनियों के कामकाज पर ज्यादा पैनी नजर रखना संभव हो सकेगा। इसके जरिए न सिर्फ संदिग्ध मामलों के बारे में पहले से पता चल सेकेगा बल्कि सरकार को कारोबारी सुगमता के लिए नीति तैयार करने के लिए रियल टाइम डाटा मिलना भी संभव हो सकेगा।

सूत्रों के मुताबिक इससे सरकारी विभागों को कंपनियों के फंड इधर से उधर करने जैसी जानकारियों के साथ साथ मैनेजमेंट के काम करने के तौर तरीकों के बारे में समय रहते पता चल जाया करेगा। यही नहीं कंपनियों के एनपीए, कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) जैसे कामकाज की जानकारी की कैटेगरी भी तय करना आसान हो सकेगा।

मामले से जुड़े अधिकारी के मुताबिक सरकार को एमसीए 21 पोर्टल के जरिए पहले के सालों के मुकाबले बड़े पैमाने पर डाटा मिल रहा है। इस पोर्टल पर तमाम कंपनियां अपनी और करोबार से जुड़ी जानकारियां अपलोड करती हैं। इस डाटा की सरकरा डीप डाटा एनालिसिट करनाने की तैयारी में है जिसके लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों को लगाया जा सकता है।

गड़बड़ी का पता चलते ही मिल जाएगा संकेत

देश में आईएलएंडएफएस जैसे घोटाले के सामने आने के बाद सरकार एहतियात ये कदम उठाने के मूड में है। ताकि इस एनालिसिस के जरिए देश में कॉरपोरेट गवर्नेंस को मजबूत करने के साथ साथ बेहतर कामकाज की योजना बनाने में भी मदद मिलेगी। डीप डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के जरिए सरकार ऐसी व्यवस्था बनाने के मूड में है जिससे संदिग्ध मामलों पर रेड फ्लैग दिखने शुरू हो जाएं। विभाग की व्यवस्था में इन रेड फ्लैग को मॉनिटर किया जाएगा और मामले की गंभीरता को देखते हुए उनपर कार्रवाई होनी शुरू हो जाएगी।कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के आधीर एमसीए 21 पोर्टल के मैनेजमेंट का काम फिलहाल एल एंड टी इंफोटेक लिमिटेड देखती है।

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