IMF ने कोरोना को बताया महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक विकास में जोखिम, कहा- लॉकडाउन से हुआ नुकसान

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संयुक्त राष्ट्रः आज दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है. इस खास मौके पर दुनियाभर की कई बड़ी हस्तियों ने महिला सशक्तिकरण और महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए प्रेरित किया. वहीं बीते काफी लंबे समय से चले आ रहे कोरोना संक्रमण के प्रभाव ने महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डाला है.

कोरोना संक्रमण से हुआ महिलाओं को नुकसानः IMF

दरअसल अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कोरना वायरस संक्रमण को महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक विकास में जोखिम बताया है. उनका कहना है कि ‘कोविड-19 महामारी की वजह से बरसों की मेहनत से हासिल महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक लाभ को गंवाने का जोखिम पैदा हो गया है.’

उन्होंने सोमवार को कहा कि महामारी की वजह से दुनिया के सभी देश अपनी अर्थव्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. गोपीनाथ ने कहा कि महिलाओं की जबरदस्त क्षमता का इस्तेमाल करना महिला सशक्तीकरण के साथ समावेशी वैश्विक आर्थिक वृद्धि दोनों के लिए लाभ की स्थिति है.

कोरोना के कारण आर्थिक संकट झेल रही महिलाएंः IMF

गोपीनाथ ने डॉ. हंसा मेहता स्मृति व्याख्यान में कहा, ‘‘हम ऐसे समय मिल रहे हैं जबकि वैश्विक स्वास्थ्य और आर्थिक संकट की वजह से महिलाओं के लिए बरसों की मेहनत से हासिल आर्थिक और सामाजिक लाभ के समाप्त होने का अंदेशा पैदा हो गया है.’’

उन्होंने कहा कि महिलाएं इस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं. बहुत सारी महिलाएं रेस्तरां और होटल जैसे क्षेत्रों में काम करती हैं. लॉकडाउन की वजह से इन क्षेत्रों की हालत सबसे अधिक खराब हुई है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर इस व्याख्यान का डिजिटल तरीके से आयोजन संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन और यूनाइटेड नेशंस एकैडमिक इम्पैक्ट (यूएनएआई) ने किया था.

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