Murder Case: सुशील कुमार को अब रेलवे की नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा, एक-दो दिन में जारी होगा सस्पेंशन लेटर

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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार की हत्या के एक मामले में गिरफ्तारी के बाद अब उन्हें नार्दन रेलवे से सस्पेंड किए जाने की तैयारी चल रही है। सोमवार को एक प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी। सुशील कुमार रेलवे में सीनियर कमर्शियल मैनेजर है। उन्हें दिल्ली सरकार ने स्कूल लेवल पर स्पोर्ट के डेवलपमेंट के लिए छत्रसाल स्टेडियम में ओएसडी के रूप में पोस्ट किया था।

सुशील कुमार की प्रतिनियुक्ति 2020 में बढ़ा दी गई थी और उन्होंने 2021 के लिए बढ़ाने के लिए आवेदन किया था। दिल्ली सरकार ने इस आवेदन को खारिज कर दिया था और उन्हें उनके मूल कैडर नॉर्दन रेलवे में वापस भेज दिया गया था। उत्तर रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार ने कहा, रेलवे बोर्ड को दिल्ली सरकार से रविवार को मामले पर एक रिपोर्ट मिली है। सुशील कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज है और उन्हें सस्पेंड कर दिया जाएगा। इसके लिए एक-दो दिनों में आधिकारिक आदेश जारी किया जाएगा। 

नॉर्दन रेलवे के जनरल मैनेजर कानूनी विभाग सहित दूसरे सीनियर अफसरों के साथ विचार-विमर्श के बाद ये फैसला लिया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी जघन्य अपराधों में लिप्त पाया जाता है, तो उसे आमतौर पर मामला चलने तक सस्पेंड कर दिया जाता है।  बता दें कि सुशील कुमार पर फॉर्मर जूनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियन सागर धनखड़ के मर्डर का आरोप लगा है। हत्या के बाद से सुशील फरार चल  रहे थे। रविवार सुबह ही उन्हें गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल वह 6 दिनों की पुलिस कस्टडी में है।

यह घटना 4 मई की है। सागर और उसके दोस्तों को फ्लैट से अगवा कर छत्रसाल स्टेडियम लाया गया। देर रात स्टेडियम की पार्किंग में पहलवानों के दो गुटों में झगड़ा हुआ। उसमें तीन पहलवान सागर, सोनू और अमित जख्मी हुए। इलाज के दौरान सागर की मौत हो गई। इस मामले में सुशील और उसके साथियों का नाम सामने आया था। तभी से पुलिस इन लोगों की तलाश कर रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस को स्टेडियम का एक CCTV फुटेज भी हाथ लगा था। इसमें सुशील हॉकी स्टिक से सागर और उसके साथियों को मारते दिखे।

सुशील कुमार के खिलाफ मॉडल टाउन पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 302 (हत्या), अपहरण (365), और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने सभी पीड़ितों के बयान भी दर्ज किए थे। बयानों में बताया गया कि सागर और उनके कुछ दोस्त स्टेडियम के पास सुशील कुमार से जुड़े घर में रह रहे थे। उन्हें ये घर खाली करने के लिए कहा गया था। फिर जबरदस्ती उन्हें इस घर से निकाल दिया गया। सुशील को बाद में पता चला कि सागर ने अन्य पहलवानों के सामने छत्रसाल स्टेडियम में उसके खिलाफ गलत शब्दों का उपयोग किया था और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी थी।

सुशील कुमार की गिरफ्तारी से संबंधित सूचना देने पर एक लाख रूपये का इनाम रखा गया था। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को इसका ऐलान किया था। सुशील के साथ फरार चल रहे अजय कुमार पर भी पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम रखा था। गिरफ्तारी के डर से, सुशील कुमार ने अग्रिम जमानत की मांग करते हुए 17 मई को दिल्ली की रोहिणी अदालत का रुख किया था, जिसमें कहा गया था कि उनके खिलाफ जांच पक्षपातपूर्ण है।

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