क्या कोरोना के कारण पुरुषों में हो रहा इरेक्टाइल डिस्फंक्शन? जानें क्या कहती है रिसर्चृ

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कोविड-19 से जुड़ी गंभीर बीमारियां कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान सामान्य घटना हो गई हैं. ब्लैक फंगस, व्हाइट फैंगस, हैप्पी हाइपोक्सिया से लेकर न्यूमोनिया तक शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर रही है और हमें विभिन्न बीमारियों का शिकार बना रही है. हाल ही में एक रिसर्च से पता चला है कि कोविड-19 इरेक्टाइल डिस्फंक्शन यानी आम बोलचाल की भाषा में नपुंसकता की वजह भी बन सकती है और प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है. 

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रिसर्च इटली के पुरुषों पर किया गया था और पाया गया कि कोविड-19 हृदय से संबंधित सिस्टम को नुकसान पहुंचाती है, जिससे गुप्तांग में मौजूद रक्त वाहिकाओं के संकुचित होने से किसी पुरुष का इरेक्शन प्रभावित हो सकता है. दरअसल, वायरस की वजह से वाहिका के प्रभावित होने पर  गुप्तांग तक ब्लड की आपूर्ति नहीं हो पाती है. रिसर्च में पाया गया कि गुप्तांग के अंदर मौजूद इरेक्टाइल सेल्स में कोरोना वायरस घर बनाकर बैठ गया है, जिसकी वजह से पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या आई. अब तक, भारत में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कई मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि, इस विषय पर भारत में कोई विशेष रिसर्च नहीं किया गया है, जो हमें किसी हद तक सटीक नतीजे दे सके.

रिसर्च में ये भी पाया गया कि कोविड-19 का संक्रमण पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की वजह होने का अकेले जिम्मेदार नहीं है. कई मामलों में तो ये महामारी से जुड़े तनाव, चिंता, अकेलेपन की भावना और आर्थिक संघर्षों के कारण भी हो रहा है. शोधकर्ताओं का कहना है मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को हल करना जरूरी है. उससे उन फैक्टर का पता चल सकेगा जो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को प्रभावित करते हैं. डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी गंभीर बीमारियों वाले पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है. 

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इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का इलाज

जीवनशैली की आदतों में बदलाव इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के प्रबंधन में मदद कर सकते हैं. अपने पार्टनर के साथ मजबूत रिश्ता और सकारात्मक मानसिकता का होना समस्या को हल करने में बहुत योगदान दे सकता है. 

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