11 साल में सबसे ज्यादा महंगे हुए खाने के तेल, आसमान छू रही सरसों, सोयाबीन जैसे ऑयल की कीमत

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पहले से ही कोरोना की वजह से परेशान लोग अब महंगाई की मार से भी गुजर रहे हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमतों के साथ अब खाने के तेल की कीमतें भी आसमान छू रही हैं। दरअसल इस महीने खाद्य तेलों की कीमतों (Edible Oil Price) में रिकॉर्ड इजाफा देखा गया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पैक्ड खाद्य तेलों जैसे की मूंगफली, सरसों, वनस्पति, सोया, सूरजमुखी और पाम ऑयल की मासिक औसत खुदरा कीमतें (monthly average retail price) इस महीने एक दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। 

 

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कीमतों को कम करने के लिए सरकार कही ये बात 
खाना पकाने के तेलों की कीमतों में वृद्धि एक महामारी और विभिन्न राज्यों में तालाबंदी के बीच हुई है, जिसने आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित किया है। इस बीच खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक की। इस मीटिंग में उन्होंने राज्यों और व्यवसायों से खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने के लिए हर संभव कदम उठाने को कहा। 

डिपार्टमेंट की ओर से एक बयान में कहा गया है कि बैठक आयोजित करने की आवश्यकता इसलिए भी महसूस की गई क्योंकि केंद्र पिछले कुछ महीनों के दौरान खाद्य तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि की तुलना में भारत में खाद्य तेल की कीमतों में उससे कई ज्यादा वृद्धि हो रही है जो अधिक चिंता करने वाली बात है। बता दें कि सामान्‍य तौर पर घरेूल बाजार में खाद्य तेलों की कीमतें अंतरराट्रीय बाजार जितनी ही होती हैं।

 

सरसों का तेल डबल से ज्यादा हुआ महंगा 
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 26 मई को एक लीटर सरसों तेल का दाम 90 रुपए था। वह आज 200 रुपए के पार पहुंच गया है। बाजार में एक लीटर सरसों के तेल की बॉटल की रिटेल कीमत 214 रुपए है। 

 

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जानिए कौनसा तेल कितना हुआ महंगा 
खुदरा बाजारों में खाद्य तेल की कीमतें पिछले एक हफ्ते में 7-8 परसेंट बढ़ी हैं। 
>> कच्ची घानी सरसों तेल कुछ दिन पहले तक 150-155 रुपये लीटर था। अब, यह 160-170 रुपये लीटर है। 
>> वहीं, सोयाबीन रिफाइंड ऑयल 160 रुपये लीटर हो गया है। 
>> पामोलीन ऑयल 138 रुपये लीटर हो गया है। 
>> रिफाइंड ऑयल की कीमतों में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। 

 

​11 साल में सबसे ज्यादा महंगा हुआ पाम ऑयल 
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पाम तेल की खुदरा कीमतें सोमवार को 138 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं। बीते 11 साल में यह अब तक का उच्‍चतम स्‍तर है। 11 साल पहले अप्रैल 2010 में पाम तेल का औसत मासिक खुदरा भाव सबसे कम था। उस दौरान पाम तेल का खुदरा भाव 49.13 रुपये प्रति किलोग्राम पर था।

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