2021 में कितने ग्रहण हैं? नवंबर में चंद्र ग्रहण और दिसंबर में लगने जा रहा है साल का आखिरी ग्रहण

Surya grahan 2021 in India Date and Time: सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण की घटनाओं को ज्योतिष शास्त्र में विशेष माना गया है. पंचांग के अनुसार इस वर्ष यानि 2021 में चार ग्रहण की स्थिति बनी है. जिसमें से दो ग्रहण लग चुके हैं और दो ही शेष है. ये ग्रहण कब कब लगेंगे, आइए जानते हैं-

2021 में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण कब लगेगा?
पंचांग के अनुसार वर्ष 2021 का पहला ग्रहण, चंद्र ग्रहण के रूप में लगा था. पहला चंद्र ग्रहण 26 मई 2021 को लग चुका है. वहीं पहला सूर्य ग्रहण, 10 जून 2021 को लगा था. दो ग्रहण लग चुके हैं. अब अगला ग्रहण चंद्र ग्रहण के रूप में लगने जा रहा है. ये साल का तीसरा ग्रहण होगा जो 19 नवंबर 2021 को लगने जा रहा है. 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस ग्रहण को आंशिक माना जा रहा है. भारत में इसे कुछ ही स्थानों पर देखा जा सकेगा. जबकि आस्ट्रेलिया, अमेरिका, उत्तरी यूरोप, प्रशांत महासागर आदि में यह चंद्र ग्रहण पूर्ण ग्रहण के रूप से दिखाई देखा. ये वर्ष 2021 का आखिरी चंद्र ग्रहण है. इस चंद्र ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं है. मान्यता के अनुसार सूतक काल तभी प्रभावी होता है, जब पूर्ण चंद्र ग्रहण की स्थिति बनती है. 10 जून 2021 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था. साल 2021 का दूसरा सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021 को लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण (Surya Grahan Solar Eclipse 2021) का प्रभाव अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक के दक्षिणी भाग, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा. साल के आखिरी सूर्य ग्रहण का भी भारत पर प्रभाव नहीं पड़ेगा. इस सूर्य ग्रहण को भी उपछाया ग्रहण माना जा रहा है. इस ग्रहण में भी सूतक काल की स्थिति मान्य नहीं होगी.

सूतक काल क्या होता है? (Sutak Kaal)
मान्यता के अनुसार पूर्ण ग्रहण की स्थिति में ही सूतक काल मान्य होता है. मुहूर्त शास्त्र के अनुसार सूतक काल, सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पूर्व आरंभ होता है. सूतक काल में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं. गर्भवती महिलाओं का सूतक काल में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.

यह भी पढ़ें:
Lakshmi Pujan 2021: दिवाली पर कब है लक्ष्मी पूजन, जानें तिथि, डेट और पूजा का शुभ मुहूर्त

Chanakya Niti: शत्रु की हर चाल को असफल बनाती हैं, आपकी ये खास आदतें, जानें चाणक्य नीति

 

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *